कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।दूर से किसी का मोबाइल फोन पर हाल-चाल लेना आसान है जिज्ञासु । मगर आमने-सामने की बात एवं मुलाकात का परिणाम ही कुछ और है ।। उक्त व्यवहारिक शेर भौतिकवाद के साथ वास्तविक ज़िंदगी से सामना करने की अपील कर रहा है । शिक्षक कवि डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की इन पंक्तियों में एक विद्यार्थी का भविष्य है । बच्चों की प्रथम पाठशाला उनका घर एवं मां-बाप शिक्षक की भूमिका में होते हैं । घर के बाद बच्चा जब स्कूल में दाखिल होता है तो वहां का परिवेश थोड़ी सी चुनौती लिए होता है । इसी को आसान बनाने के लिए अकबरपुर विकासखंड के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय पीरपुर के शिक्षक तारकेश्वर मिश्र शिक्षामित्र राम बुझारत के साथ स्कूल ना आने वाले बच्चों एवं अभिभावकों से से सतत संपर्क एवं संवाद कर रहे हैं । इसी कड़ी में विद्यालय के सेवित क्षेत्र मजरा दुबरा , नेहरू नगर एवं नया नगर में बच्चों एवं अभिभावकों से संपर्क किया गया । अभिभावक श्री राम , अनिरुद्ध ,गीता एवं कविता के घर पहुंच वंदना , रिद्धि , ऋषभ , काजल एवं अंशिका का नामांकन करा कर प्रतिदिन स्कूल भेजने को प्रेरित किया गया ।
शिक्षक अभिभावक संपर्क एवं संवाद स्कूली शिक्षा की जरूरत – शिक्षक डॉ० तारकेश्वर मिश्र
मई 04, 2025
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