देवल संवाददाता,मऊ। थैलेसीमिया एक अनुवांशिक ब्लड डिसआर्डर है। इसमें शरीर में सही मात्रा में हिमोग्लाबिन नहीं बन पाता है। यह बीमारी बच्चों में माता-पिता से बच्चों में जीन के माध्यम से ट्रांसफर होता है। अल्फा और बीटा दो प्रकार का थैलेसीमिया होता है। पूरे विश्व में भारत इस रोग की राजधानी बनता जा रहा है। इस दिशा में जन-जागरुकता के लिए प्रतिवर्ष आठ मई को यह मनाया जाता है। प्रसिद्व चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने यह विचार गुरुवार को विश्व थैलेसीमिया दिवस पर शारदा नारायण हास्पिटल में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया।एडिशनल एसपी महेश सिंह अत्री ने कहा कि शारदा नारायण हास्पिटल द्वारा इससे प्रभावित चालीस बच्चों को प्रति माह साठ यूनिट ब्लड उपलब्ध कराना बहुत ही सार्थक पहल है। पुलिस विभाग द्वारा भी इस दिशा में सहयोग किया जाएगा। एडीएम सत्यप्रिय सिंह ने कहा कि थैलेसीमिया रोग के बारे में आमजन को बहुत कम जानकारी है। डॉ संजय सिंह के नेतृत्व में ऐसे बच्चों को गोद लेकर उनकी जीवन रक्षा के लिए किया जा रहा कार्य समाज में प्रेरणा प्रदान करेगा। कार्यक्रम में डॉ संजय सिंह ने अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया। थैलेसीमिया प्रभावित बच्चों ने उन्हें पुष्पगुच्छ प्रदान किया।