देवल संवाददाता,मऊ। जनपद मऊ के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को आयपरक एवं स्वावलंबी खेती कराने के उद्देश्य से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशालय ने संकर शाकभाजी,मसाला और फूलों की खेती का इस वर्ष का लक्ष्य निर्धारण कर दिया है। खेती कार्यक्रमों पर लागत का 75 से 90% फ़ीसदी अनुदान भी निवेश रूप में एवं किसान के सिंचाई आदि व्यय पर डीबीटी माध्यम से किसानों के खाते में भी दिया जाएगा। योजना में लाभ हेतु किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण भी खरीफ मौसम के प्रारंभ के साथ विभाग में शुरू हो चुका है।निदेशालय उद्यान द्वारा मऊ में कुल 49.50 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित करते हुए रुपए 16.86 लाख आवंटित किया गया है जिसमें संकर कद्दूवर्गीय फसलों में लौकी, करेला,तरोई,खीरा आदि हेतु खरीफ मौसम में 6.0 हैकटेयर तथा जायद मौसम में 7.50 हेक्टेयर लक्ष्य भेजा गया है। इसी प्रकार संकट टमाटर के लिए बरसात और शीतकालीन मौसम में 10 हेक्टेयर लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिस पर सरकार से लागत का 75% अधिकतम रुपया 37500 का अनुदान मिलेगा। मसाला फसलों से ज्यादा आमदनी होने को ध्यान में रखकर शासन से मिर्च और प्याज की खेती को बढ़ावा देने हेतु 15 हेक्टेयर का लक्ष्य भेजा गया है।जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त के अनुसार अनुसूचित जाति,जनजाति के किसानों के औद्यानिक विकास की योजना अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 49.50 हेक्टेयर में सब्जियां, मसाले और गेंदा पुष्प की खेती का कार्यक्रम करने के निर्देश मिले हैं जिसमें चार बिस्वा से लेकर 16 बिस्वा तक के इच्छुक किसानों को लाभ दिलाया जाएगा।फसल सुरक्षा को ध्यान में रखकर एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन (आईपीएम) कार्यक्रम भी 5 हेक्टेयर में संचालित किया जाएगा।योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति के छोटे किसानों को नगदी फसलों हेतु प्रोत्साहित किया जाना एवं उनके लागत एवं श्रम का अधिकाधिक लाभ प्राप्त कराते हुए वर्ष भर निरंतर आय दिलाना है जिससे उनके जीवन स्तर में उन्नयन हो सके।जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि योजना को व्यापक रूप से किसानों तक पहुंचाने हेतु आउटसोर्सिंग माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग का ही एक उद्यान सहायक कर्मचारी भी कार्य पर रखे जाने को प्रावधानित किया गया है जिसकी योग्यता बीएससी कृषि निर्धारित की गई है।कर्मचारी द्वारा प्रचार प्रसार,किसानों का चयन तथा किसानों को खेती की तकनीकी एवं वैज्ञानिक जानकारियां दी जाएगी तथा सभी नौ विकास खंडों से लगभग चार सौ किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।उद्यान निरीक्षक अरुण कुमार यादव ने बताया कि शासन से निवेश प्रबंधन हेतु टेंडर की प्रक्रिया अनुसार चयनित फर्मों द्वारा किसानों को उनकी इच्छा अनुसार बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी और पंजीकरण में "प्रथम आवक प्रथम पावक "के आधार पर किसानों को लाभान्वित कराते हुए योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।