देवल संवाददाता, गोरखपुर ।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश के लोगों में काफी आक्रोश था। मंगलवार की रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दिया। इस कार्रवाई की खबर मिलते ही देशवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। गोरखपुर में लोगों ने पटाखे फोड़कर खुशी मनाई। लोगों ने इसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध की शुरुआत बताया।
ज्यादातर लोगों को सुबह उठने के बाद कार्रवाई के बारे में जानकारी हुई। इसके बाद से ही उनमें जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी खुशी जाहिर की। राजनीतिक विश्लेषक एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ. महेंद्र सिंह करते हैं कि भारत की आरे से पाकिस्तान की सीमा में लगभग 100 किलोमीटर भीतर जाकर किए गए आतंकी ठिकानों पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत वैध आत्मरक्षा के अधिकार का प्रभावी प्रयोग हैं।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 51 यह अधिकार देता है कि कोई भी संप्रभु राष्ट्र निरंतर आतंकवादी हमलों और राज्यप्राय हिंसा के विरुद्ध अपनी सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठा सकता है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल सैन्य प्रतिकार नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच में आए निर्णायक बदलाव का प्रतीक है।
अब ‘रणनीतिक संयम’ की नीति पीछे हट चुकी है और उसका स्थान ‘सक्रिय प्रतिकार’ ने ले लिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद का उत्तर अब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाइयों से दिया जाएगा। यह वैश्विक समुदाय के लिए भी चेतावनी है कि आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले देशों पर सामूहिक दबाव बनाया जाए, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय शांति को सुरक्षित रखा जा सके।
मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल बदले की कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध की शुरुआत है। देश को ऐसे ही कड़े कदम की प्रतीक्षा थी और मोदी सरकार ने दिखा दिया कि वह आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकती है।
पूर्व उपाध्यक्ष गोरखपुर विश्वविद्यालय व भाजपा नेता डॉ योगेश प्रताप सिंह ने भारतीय सेना के इस कार्रवाई की सराहना की। कहा- दुश्मनों को ऐसे जवाब देने वाला नया भारत है ये। हम पर हमला करेंगे और हम बैठकर देखने वालों में नहीं, सीने पर चढ़कर जवाब देना जानते हैं। भारतीय सेना, वायुसेना और थलसेना के अदम्य साहस की सराहना करते हुए कहा- जय हिंद, जय हिंद की सेना।