आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में स्वास्थ्य शासी निकाय की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई जहां उन्होंने संचारी रोगों के नियंत्रण, संचारी रोग अभियान में सैम बच्चों के चिन्हांकन के साथ ही दस्तक अभियान के दौरान संवेदीकरण कार्यक्रम, रोगियों की जांच आदि की समीक्षा किया।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अस्पतालों में मूलभूत सुविधाएं, समुचित व्यवस्था, फायर एनओसी होनी चाहिए। स्वास्थ्य इकाइयों का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन की भी समीक्षा की तथा इसके सभी पैरामीटर को पूर्ण करने के निर्देश दिये। मुख्य विकास अधिकारी को स्वास्थ्य संबंधी निर्माण कार्य की समीक्षा के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने मोबाइल मेडिकल यूनिट, एंबुलेंस उपलब्धता आदि की भी समीक्षा किया। हीट वेव के दृष्टिगत अस्पतालों में की गई तैयारी के संदर्भ में जानकारी लेते हुये निर्देशित किया कि सभी एमओआईसी, सीएचसी, पीएचसी के बाहर भी काउंटर पर ओआरएस पैकेट आने वाले मरीजों में वितरण कराया जाय। सभी एमओआईसी अपने क्षेत्र में संचालित बिना पंजीकृत अस्पताल/चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज करायें।जिलाधिकारी ने कहा कि नागरिकों को बेहतर चिकित्सा तथा सुविधा दिलाने हेतु तथा पंजीकरण में आ रही कठिनाई को दूर करते हुए सुगमता प्रदान करने हेतु uphealth.in पर 3 दिन के भीतर पंजीकरण हेतु ऑनलाइन आवेदन करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि जितने भी अपंजीकृत अस्पताल हैं, यदि उनकी अर्हता है तो पंजीयन अवश्य करायें। यदि अर्हता नहीं है तो सीज कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए। 25 मई के बाद उपजिलाधिकारी, आयुष चिकित्सक, एमओआईसी तथा थानाध्यक्ष की टीम बनाकर एक अभियान चलाते हुए फर्जी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से इलाज हेतु इनपैनल्ड ऐसे हॉस्पिटल जहां आयुष्मान कार्ड से इलाज किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड होने पर उसे सभी चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय। यदि ऐसी विसंगति पायी जाती है कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी इलाज नहीं किया जा रहा है तो अस्पताल द्वारा इंपैनलमेंट की शर्तों का उल्लंघन होगा तथा संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
सीएचसी, पीएचसी में पौधरोपण करने के भी निर्देश देते हुये कहा कि आयुष्मान कार्ड से इलाज हेतु इंपैनल्ड अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारक मरीज जिसको इमरजेंसी की सुविधा हो, सिर्फ उसका नाम ही इनपैनल अस्पताल दर्ज किया जाय, अन्यथा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जानकारी दिया कि नगर के वाजिदपुर—पालिटेक्निक चौराहा के बीच में स्थित सिद्धार्थ हॉस्पिटल में एक मरीज जो आयुष्मान कार्डधारक था, उपचार के लिये आया था। आयुष्मान कार्ड होने तथा अस्पताल इंपैनल्ड होने के बाद भी उसे चिकित्सकीय सुविधा नहीं दी जा रही थी। साथ ही नगद की मांग की जा रही थी। इस प्रकरण को जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव सिंह की टीम को भेजकर मामले की जांच करने के निर्देश दिये। इसके पश्चात जिलाधिकारी के निर्देश पर मरीज को सभी चिकित्सकीय सुविधाएं सुविधा देते हुये पैसे भी वापस कराये गये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खाड़िया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह, सभी चिकित्सा अधीक्षक सहित अन्य उपस्थित रहे।