बैठक में भूमिगत जल मूल्यांकन (ग्राउंडवॉटर असेसमेंट), जल जनित बीमारियों और जल में मौजूद अशुद्धियों की पहचान पर विस्तृत चर्चा की गयी। प्रथम चरण में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के जल स्रोतों की वैज्ञानिक जांच करेगी। साथ ही पानी में मौजूद अशुद्धियों का विश्लेषण कर नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुद्धिकरण की दिशा में कार्य किया जायेगा।
इस दौरान कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "हमारा शोध केवल शोध पत्रों के प्रकाशन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका सीधा लाभ समाज को मिलना चाहिए। इसी सोच के साथ इस अनुसंधान समिति का गठन किया गया है।" समिति द्वारा ब्लॉक स्तरीय जल अध्ययन भी किया जाएगा जिससे व्यापक स्तर पर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें। बैठक में समिति सदस्य प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. काजल, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. रामनरेश यादव सहित तमाम लोग रहे।