देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। बिहार पुलिस पर महाबोधि महा विहार मुक्ति आंदोलन के अगुआ पूज्य भंते विनाचार्य को गायब करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त बुद्धिष्ट संगठन सोनभद्र के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने वृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अराजक तत्वों पर महाबोधि महाविहार में लोगों के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया। बोधिगया टेम्पल एक्ट को निरस्त कर महाबोधि महाविहार बोधगया का प्रबंधन बुद्धिष्टो को सौंपने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
संगठन के संयोजक सुमंत सिंह मौर्य व डा भागीरथी सिंह मौर्य ने कहा कि 6 जुलाई 1949 को बिहार सरकार ने बोधगया टेंपल एक्ट 1949 लागू कर महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया में विधर्मी समुदाय को प्रबंधतंत्र में शामिल कर दिया है, इससे बौद्ध विरासत को भारी नुकसान हो रहा है। महाबोधि महाविहार बोधगया दुनिया के सभी बुद्धिस्टो का बहुत बड़ा धार्मिक केंद्र एवं एक पवित्र स्थान है। जबसे बोधगया टेम्पल एक्ट लागू कर विधर्मियो को प्रबंधन में शामिल किया गया है, तब से बुद्धिस्टो के इस पवित्र स्थल परिसर के आस पास अतिक्रमण कर कई विधर्मी देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा-पाठ किया जा रहा है। विधर्मी कर्मकांड भी इस परिसर के अंदर किया जा रहा है। बुद्धिस्टो के धार्मिक आस्था व मान्यताओं को चोट पहुंचाया जा रहा है। रविरंजन शाक्य, लक्ष्मी पटेल, विजयमल मौर्य ने कहा कि महाबोधि महाविहार बोधगया को विधर्मियों के चंगुल से मुक्त कराने की मांग को लेकर 10 फरवरी 2025 से शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी बीच 13 व 14 मई की रात कुछ अराजक तत्वों ने महाबोधि महाविहार में जय श्रीराम के नारे लगाते हुए महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। विरोध करने पर बौद्ध भिक्षुओं एवं उपासकों से उन्होंने मारपीट किया। बाद सूचना पर पहुंची बिहार पुलिस ने पूज्य भंते विनाचार्य को अपने साथ उठा ले गई, तब से वे गायब हैं। इस मौके पर विजयमल मौर्य, गिरजा प्रसाद, एड. उदयराज मौर्य, जितेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।