तरवां, आजमगढ़ । दिनांक 28.05.25 को वादी अगस्त शाण्डिल्य त्रिपाठी पुत्र स्व0 बृजमोहन त्रिपाठी निवासी किशुनदासपुर, थाना तरवां आजमगढ़ द्वारा थाने पर आकर लिखित तहरीर दिया गया कि वादी एक होमगार्ड विभाग में थाना तरवां पर सेवारत है, प्रतिदिन के भांति दिनांक 27/28.05.2025 की रात्रि ड्यूटी पर गया था, ड्यूटी के पश्चात वादी घर लौटा तो घर पर वादी की पत्नी श्रीमती रामदुलारी त्रिपाठी जो घर पर अकेली थी, काफी बुलाने के पश्चात जब दरवाजा नहीं खुला तो आस-पास के लोगों से मदद लेकर छत पर जाकर देखा गया तो वादी की पत्नी लहुलुहान पड़ी हुई थी, जिसकी मृत्यु हो चुकी थी, के सम्बन्ध में थाना तरवां पर मु0अ0स0 137/25 धारा 103(1) बीएनएस बनाम अज्ञात के विरुद्ध पंजीकृत किया गया। उक्त घटना स्थल का निरीक्षण अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, सीओ लालगंज आदि पुलिस फोर्स द्वारा किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ हेमराज मीना द्वारा उक्त हत्या की घटना का सफल अनावरण हेतु थाना प्रभारी तरवां को निर्देशित किया गया था, जिसके क्रम में आज दिनांक 29.05.2025 को थानाध्यक्ष चन्द्रदीप कुमार मय हमराह द्वारा मुकदमा उपरोक्त में विवेचना से प्रकाश में आये अभियुक्त/ बालअपचारी 1.बाल अपचारी 2. संजय वर्मा पुत्र अजय वर्मा निवासीगण गोड़हरा थाना बरदह जिला आजमगढ़ को समय करीब 14.00 बजे जियापुरा गेट थाना तरवां के पास से पकड़ा गया है जिनके पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाईकिल नं0 HF DILUXE व REALME MOBILE व 450 रु0 बरामद किया गया है।
पकड़े गये बाल अपचारी द्वारा पूछताछ में बताया गया कि मैं मृतिका की लड़की को पसन्द करता था तथा लड़की शादी के लिए मान नहीं रही थी, घटना की रात्रि में मैंने मृतिका की लड़की को फोन करके मिलने के लिए कहा था, तो वह मना कर दी तथा फोन काट दी । मैं अपने दोस्त संजय वर्मा के साथ मिलकर सबक सिखाने के लिए अपने भाई की मो0सा0 से लड़की के घर रात्रि में पहुंचा, तो देखा कि घर का दरवाजा अन्दर से बन्द है, तो मैं और मेरा दोस्त लड़की के घर के बगल वाली कोली से दीवार में लगी ईंट जो सीढ़ी नुमा थोड़ा-थोड़ा दीवार में निकली थी, जिसके सहारे हम लोग छत पर चढ़ गये । छत पर जाकर देखे तो लड़की की मां मच्छरदानी में सो रही थी । मैंने उसकी मां को धीरे से जगाकर लड़की के बारे में पूछा तो वह चिल्लाने लगी, तो मैंने उसे चुप कराने के लिए उसका मुंह दबा दिया, तो लड़की की मां ने मेरा गला पकड़ लिया और मुझे कई जगह अपने नाखून से खरोच दी मैं गुस्से में आकर पास मे ही पड़े सिल बट्टे के लोढ़ा से सिर पर कई बार वार कर दिया। थोड़ी देर बाद लड़की की मां के शरीर में हलचल बन्द हो गयी, तब हम लोग उसी तरीके से छत से वापस उतर कर अपनी उसी मोटर साइकिल से फरार हो गये।