देवल संवाददाता,मऊ। अलंकार संगीत संस्थान मऊ द्वारा आयोजित वार्षिक संगीत कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सांगीतिक आयोजन का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुँचाना तथा नवोदित कलाकारों को एक मंच प्रदान करना।मुख्य अतिथि के रूप में उमेश चंद्र मिश्रा ने संबोधन में कहा कि “संगीत आत्मा की भाषा है,और ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम न केवल सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखते हैं,बल्कि युवा प्रतिभाओं को निखारने का अवसर भी देते हैं।” उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए भविष्य में और अधिक सांस्कृतिक गतिविधियों की आशा जताई। प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ प्रदीप श्रीवास्तव ने अपने सुरों और वादन से श्रोताओं को रसविभोर कर दिया। मंच की संचालिका सविता कुमारी ने किया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को प्रभावशाली एवं आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न शास्त्रीय एवं वाद्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुतियों में विपीन चौहान और राजकुमार का सोलो वादन विशेष रूप से सराहनीय रहा। उनके सुरों की सादगी और ताल की गंभीरता ने संगीत प्रेमियों को बाँध कर रखा।वहीं खुशबू चौहान द्वारा प्रस्तुत शास्त्रीय गायन ने कार्यक्रम को ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनकी गायन शैली में गहराई और अनुशासन की स्पष्ट झलक रही थी। आयोजन में मदन श्रीवास्तव,विनय शर्मा,क्रिश जोशुआ,शिवानी चौरसिया तथा संस्थान के सभी छात्रगणों का सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा।