देवल, ब्यूरो चीफ,चुनार, मिर्जापुर। सिविल न्यायालय चुनार में कोर्ट की हालत बद बदतर होती जा रही है। कार्यालय कर्मचारीयों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। विना साहब के संग्यान के न्याय को प्रभावित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जिससे न्यायालय व साहब की गरिमा तार तार हो रहा है। वादी न्याय पाने को तरस रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील चुनार स्थिति सिविल कोर्ट में होने वाली पत्रावलियां की सुनवाई में प्रतिवादी की विशेष ध्यान रखा जाता है। जबकि न्यायालय में वादी हित सर्वोपरि होता है। जो न्यायालय के भ्रष्ट कर्मचारीयों का शिकार हो रहा है। तमाम रोवारोहवट व गिड़गिड़ाने व तुम तडाम के बाद मामला साहब के संग्यान में आता है। तब भ्रष्ट पेशकार गुप्ता व अन्य कार्यालय के लोग व लिप्त लोग को डांट पड़ती है फिर वही नाटकीय मामला तय होता है कि डेट पड़ गया है। इसी तरह से अनेकानेक बहाने व अकारण इत्यादि निकालकर वादी को परेशान किया जाता है। वादी को न्याय पाने को वर्षौ से तरस रहा है। न्यायालय की चौखट पर अपना सर पटक रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है। कार्यालय कर्मचारी ५ साल में ऊपर की फाईलें प्राथमिकता पर निपटने के उच्च न्यायालय व शासनादेश की तो परी तरह से हास्यास्पद बनाये हुए हैं व खिल्लियां उडाते है। इस प्रकरण पर कोई भी बिला वजह गिला शिकवा नहीं करना चाहता है। परंतु बहोत सी बिंदु जो साहब को करना वो साहब को भनक तक नहीं लगता, पेशकार रफा दफा कर ढीठ बना बैठा रहता है। जो कि वादियों के साथ घोर अन्याय है व न्यायालय की मर्यादा को तार तार व व्यवस्था का धज्जियां उडाता प्रतीत होता है। पीड़ितो ने उच्चाधिकारियों से संग्यान लेने ऐसी कुव्यवस्था पर तत्काल रोकने की मांग किया है।