कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।जहांगीरगंज रजबाहा में पानी न आने से जहां किसानों के उड़द, मक्का, गन्ना व मेंथा की फसल की सिंचाई किसानों को मजबूर होकर अपने निजी ट्यूबवेल के सहारे करनी पड़ रही है। समय पर पानी न आने के कारण यह रजबाहा किसानों के लिए सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है।जहांगीरगंज रजबाहा में पानी न आने के कारण जहां किसानों की फैसले सूख रही हैं। वहीं, किसानों को मजबूर होकर अपने निजी साधन से सिंचाई करना पड़ रहा है। जहांगीरगंज रजबाहा की लंबाई लगभग 62 किलोमीटर है, जो टांडा तहसील के शिबलीपुर से निकलकर आलापुर तहसील क्षेत्र के गढ़वल के पास पिकिया नदी में जाकर मिली है। इससे लगभग चार दर्जन से अधिक गांवों के 15 हजार से अधिक किसान प्रभावित हो रहे हैं।किसान बृजेंद्र वर्मा, मानिकचंद्र, सुरेश वर्मा ने बताया कि जहांगीरगंज रजबाहा में कभी भी समय से पानी नहीं आता है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। जब पानी की आवश्यकता किसानों को नहीं होती है, उस दौरान रजबाहा में पानी आता है, जिससे रजबाहा की पटरिया टूटने से किसानों की गेहूं की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो जाती है।जहांगीरगंज रजवाहे में पानी न आने से नकगदा, हुसेनपुर, जगदीशपुर, नारियाव, जहांगीरगंज, हरिहरपुर, आदमपुर, नसीरपुर, उमरी जलाल, अशरफपुर, सोल्हवा, केदरुपुर, करौंदी, हज्जीपुर, जल्लापुर, सकाशीपुर, कियामपुर, दशवतपुर, इटहिया, अहिरौली, रानीमऊ व गढ़वल सहित आदि गांव के किसानों को इसकी समस्याएं झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं जहांगीरगंज रजबाहे से संबंधित नरियाव, सिंहपुर, नेवारी, केसरपुर, समैसा, अंबारी बंगालपुर व चांडीपुर सहित अन्य माइनरें भी सूखी पड़ी हुई है।
*किसानों को जल्द मिलेगा पानी*
किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। अभी रजबाहा में पानी नहीं आ रहा है। पानी छोड़े जाने के लिए अधिकारियों से बात की गई है। इससे किसानों को सिंचाई में आसानी हो सके।
केके दिवाकर, अधिशाषी अभियंता