देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ राष्ट्र की एकजुटता और प्रतिबद्धता का दुनिया को संदेश देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है।
कांग्रेस अध्यक्ष राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाने का आग्रह किया है। संसद के दोनों सदनों के प्रतिपक्ष के नेताओं ने विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन के सभी प्रमुख दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद विशेष सत्र बुलाने का आग्रह पत्र प्रधानमंत्री को भेजा है।
पहलगाम पर संसद सत्र बुलाने की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को सोमवार रात लिखे गए अपने-अपने पत्रों को मल्लिकार्जुन खरगे तथा राहुल गांधी दोनों ने मंगलवार को एक्स पोस्ट पर साझा किया। खरगे ने पीएम को भेजे पत्र में कहा है कि 'इस समय जब एकता और एकजुटता आवश्यक है, विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का जल्द से जल्द विशेष सत्र बुलाना महत्वपूर्ण है। यह 22 अप्रैल 2025 को निर्दोष नागरिकों पर पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन होगा। हमारी पूरी आशा है कि इसी अनुरूप संसद सत्र बुलाया जाएगा।'
इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन करेंगे'
लोकसभा में नेता विपक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री को भेजे अपने पत्र में राहुल गांधी ने संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं। राहुल गांधी ने कहा "पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से हर भारतीय आहत है। इस नाजुक समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट रहेंगे। विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। जहां जनता के प्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ संकल्प दिखा सकें। हम अनुरोध करते हैं कि ऐसा विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।"
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से की ये अपील
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी के दो सबसे शीर्षस्थ नेताओं के पीएम को लिखे गए पत्र को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं से हुई बातचीत के बाद संसद सत्र बुलाने का सरकार से आग्रह किया गया है क्योंकि यह संवेदनशील समय है। इसका मकसद यह है कि दुनिया को हम दिखाएं कि हमारा आतंकवाद के खिलाफ संकल्प एक है। विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की ताकतों को परास्त करते हुए देश की एकजुटता का संकल्प देने के लिए देश के सर्वोच्च संस्थान संसद से संदेश दिया जाना जरूरी है।
पहलगाम आतंकी हमले के दिन ही कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक की आवाज उठाई थी और सरकार ने अगले ही दिन सर्वदलीय बैठक बुलाकर राजनीतिक दलों को हालात से रूबरू कराया था। मालूम हो कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार ने सोमवार को अपनी विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम के जघन्य आतंकी हमले की कठोर निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया और इसमें मारे गए सभी 26 निर्दोष नागरिकों को भावभिनी श्रद्धांजलि दी थी।