अरविंद, देवल संवाददाता, आजमगढ़। भगवान परशुराम जन्मोत्सव चंद्रमा ऋषि आश्रम स्थित श्री परशुराम मंदिर में अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा, ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद, ब्राह्मण एकता परिषद, अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा इत्यादि संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से धूमधाम के साथ मनाया गया। मंदिर में स्थापित परशुराम जी की प्रतिमा का वैदिक रीति से पूजन कर उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि पं. सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन द्वारा रचित ’श्री परशुराम चालीसा’ का विमोचन हुआ। चालीसा का विमोचन करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अखिलेश मिश्रा गुड्डू और मनीष मिश्रा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठवें अवतार योग, नीति एवं धनुर्विद्या के पारंगत भगवान परशुराम के जीवन से हमें अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा मिलती है। नेता द्वय ने सराहनीय रचना के लिए कुंदन जी को बधाई दी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष ब्रजेश नंदन पांडेय ने कहा कि शस्त्र और शास्त्र के पारंगत भगवान परशुराम ने सहस्रार्जुन सहित अनेक अन्यायी राजाओं का वध करके समाज में व्याप्त असुरक्षा, आतंक और भय को समाप्त कर धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने कुंदन रचित श्री परशुराम चालीसा को मंगलकारी बताया।
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पं. सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन ने आभार प्रदर्शन और ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने स्वागत किया। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पं. संजय कुमार पांडेय सरस ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस मौके पर तारकेश्वर मिश्र, शर्मानंद पांडेय, विशाल उपाध्याय, अशोक कुमार पांडेय, सत्यम गुरु, राम प्रकाश तिवारी, विश्वदेव उपाध्याय, संजय दास महाराज, अभिषेक पांडेय, सतीश मिश्रा, हरीश पाठक, दीना मिश्र, गिरिजा सुवन पांडेय, गोविंद दुबे, अनिल तिवारी, सत्यप्रकाश तिवारी पप्पू, अरूण पाठक, विजय शंकर पांडेय, आलोक पाण्डेय बिहरोजपुर, आलोक पाठक, हरिवंश मिश्र, कन्हैया पांडेय, वेदप्रकाश पांडेय, शरद तिवारी, माधुरी दूबे, निरूपमा पाठक, अवनीश पांडेय, पंकज पांडेय, अजय पांडेय, अभय त्रिपाठी, बंशीधर पाठक अभय पांडेय, कृष्ण कुमार पांडेय, रामकवल चतुर्वेदी, राम आसरे उपाध्याय, राधेश्याम मिश्र, नवीन पांडेय, डा. विजेन्दर पांडेय, धर्मेन्द्र मिश्र, मनोज तिवारी सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
पूजन पं. सभाजीत पांडेय के आचार्यत्व में सम्पन्न हुआ, श्री परशुराम वंदना रजनीकांत तिवारी ने प्रस्तुत की।