देवल संवाददाता, आजमगढ़। संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर आजमगढ़ जिले में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के भरौली टोडर, बनकटा, बासी जफ्ती और बूढ़नपुर नगर पंचायत समेत कई गांवों और कस्बों में भव्य आयोजन कर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी गई।गांव-गांव में शोभायात्राएं निकाली गईं, अंबेडकर जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया और विचार गोष्ठियों के माध्यम से उनके संघर्षों और विचारों को लोगों के सामने रखा गया। कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग की भागीदारी देखने को मिली, जिसमें युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की मौजूदगी खास रही।
गोष्ठियों में वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान ही आज देश के गरीबों, दलितों, महिलाओं और वंचित तबकों की आवाज बना हुआ है। अगर संविधान न होता, तो समाज दिशाहीन हो जाता। उन्होंने केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश के भविष्य की नींव रखी। नारी सशक्तिकरण, शिक्षा का अधिकार और सामाजिक न्याय – इन सबकी राह बाबा साहब ने ही दिखाई।भरौली टोडर के ग्राम प्रधान रामसागर, सामाजिक कार्यकर्ता रामचंद्र और वरिष्ठ नागरिक हरिनाथ यादव ने भी अपने विचार रखे और बाबा साहब के सपनों को साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलकर समाज में समानता, शिक्षा और सद्भाव को बढ़ावा देना होगा।सामाजिक परिवर्तन की चेतना
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि गांव-गांव में आज भी अंबेडकरवाद एक जीवंत आंदोलन है। अंबेडकर जयंती केवल श्रद्धांजलि का अवसर नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है।