देवल संवाददाता, लखनऊ।श्रावस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग में कूट रचित दस्तावेजों के सहारे धोखाधड़ी से नौकरी पाने के मामले में बर्खास्त हुए छह शिक्षकों में से पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि एक आरोपी शिक्षक फरार होने में सफल रहा। विभागीय स्तर पर मंगलवार को हुई बर्खास्तगी के बाद बुधवार को बीईओ हरिहरपुररानी, जमुनहा व सिरसिया ने इस मामले में पुलिस में केस दर्ज कराया था।
डीएम अजय कुमार द्विवेदी व एसपी घनश्याम चौरसिया के निर्देश पर बीएसए अजय कुमार ने मंगलवार को छह शिक्षकों की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया था। इसके बाद बुधवार को बीईओ हरिहरपुररानी अमित कुमार, जमुनहा सतीश कुमार व सिरसिया राजकिशोर की तहरीर पर संबंधित थानों में आरोपी शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। पुलिस ने बुधवार देर रात ही इनमें से पांच आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली। इनमें चार शिक्षक कानपुर देहात व एक बस्ती जिले के निवासी है।
गिरफ्तार शिक्षकों में ईश्वरचंद नगर थाना भोगनीपुर निवासी आलोक कुमार गुप्ता उर्फ किशन गुप्ता सहायक शिक्षक के पद पर सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय बल्दीडीह में, कानपुर नगर के ग्राम इस्माइलपुर निवासी प्रदीप कुमार पुत्र लालजी सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय केशवपुर में व कानपुर देहात के ही तहसील भोगनीपुर के ग्राम भोगीसागर निवासी जितेंद्र सिंह पुत्र राम औतार व कानपुर देहात के ग्राम परेहरापुर निवासी सुशील कुमार पुत्र रामसजीवन 2017 से जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय भवानीपुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात थे। इनके साथ ही बस्ती जिले के रामपुर तप्पा कनैला थाना कलवारी निवासी उमेश कुमार मिश्र पुत्र प्रेम चंद्र की वर्तमान में उच्च प्राथमिक विद्यालय असनहरिया हरिहरपुररानी में सहायक शिक्षक के पद पर तैनाती थी। जबकि बस्ती जिले के ग्राम थान्हा तहसील हर्रैया निवासी संदेश श्रीवास्तव जो जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय अहिरन देवरा में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात थे, गिरफ्तारी की भनक लगते ही फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
फर्जी शिक्षक को मिला था एसीआर
सहायक शिक्षक के पद पर सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय बल्दीडीह में तैनात आलोक कुमार गुप्ता उर्फ किशन गुप्ता को विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने की जिम्मेदारी भी सौंप रखी थी। अतिरिक्त कक्ष बनवाने के लिए धन का आहरण भी उन्होंने कर लिया था। बीएसए ने बताया कि अब वेतन के साथ ही एसीआर के धन की रिकवरी भी आरोपी से होगी।
जांच में लगे 12 वर्ष
विभागीय जांच पूरी होने में 12 वर्ष से अधिक का समय लगा। गिलौला के प्राथमिक विद्यालय बैभी में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात हुए उमेश कुमार मिश्र पदोन्नति पाकर हरिहरपुररानी के उच्च प्राथमिक विद्यालय असनहरिया पहुंच गए। इस दौरान विभाग को इनके अंक पत्र के फर्जी होने की भनक तक नहीं लगी।