देवल संवाददाता, लखनऊ।राजधानी लखनऊ में शुक्रवार से विधान भवन में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में विकसित भारत युवा संसद महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत अगले दो दिन में 240 युवा विधानसभा में भाषण देंगे। इनमें से तीन सर्वश्रेष्ठ युवा संसद जाएंगे। इसका उद्देश्य 18 से 33 वर्ष के युवाओं की आवाज को सुनना है। साथ ही युवाओं में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है।
देश की हर विधानसभा में ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लखनऊ विधानसभा में 240 युवाओं को चुना गया। जिला स्तर पर 24 नोडल केंद्रों में हर जिले के 150 युवाओं को बुलाया गया था। विषय था 'वन नेशन और वन इलेक्शन'। राज्य स्तर पर दो विषय रखे गए हैं। यहां से चुने गए सर्वश्रेष्ठ तीन युवा संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने बोलेंगे।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने राज्य स्तरीय विकसित भारत युवा संसद में आए हुए युवाओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में नेगेटिव का परसेप्शन गलत है। आज सदन में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, व्यापारी, अधिकारी आदि रह चुके हैं। 40 साल में सदन को लेकर बनी नकारात्मकता आज दूर हुई है।
कुंभ के सफल मैनेजमेंट के लिए यूपी की तारीफ कीजिए
उन्होंने आगे कहा कि पहले यूपी के युवा पहचान छिपाते थे। आज गर्व से बताते हैं कि मैं उत्तर प्रदेश से हूं। आज मीडिया जनता के सामने विधानसभा का नया स्वरूप ला रहा है। लाइफ में टाइम मैनेजमेंट और कमिटमेंट जरूरी है। लोग अच्छे और खराब हो सकते हैं, लेकिन संस्थाओं का सम्मान बना रहना चाहिए।
कुछ लोग व्यक्तिगत फायदे के लिए संस्था को नुकसान पहुंचाते हैं। मुझे जरूरत पड़ी तो संस्था के लिए व्यक्तिगत हित कुर्बान हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैनेजमेंट के शिल्पकार हैं। कुंभ के सफल मैनेजमेंट के लिए यूपी की तारीफ कीजिए। मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा कि यहां पर बहुत सारे अधिकारी बैठे हैं। वह परमानेंट बैठने के बारे में सोच रहे होंगे।
संविधान हमें कर्तव्यों का बोध कराता है
इस मौके पर कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं को संसद और विधानमंडल कार्यवाही समझने का मंच है। युवा केवल विकास के लाभार्थी ही नहीं बल्कि सारथी हैं। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ध्यान केंद्रित करना होगा। हमारे पास सबसे बड़ी युवा जनसंख्या है। सही दिशा देकर भारत को विकसित बना सकते हैं। हमारा संविधान हमें कर्तव्यों का भी बोध कराता है।