देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज के धर्मशाला रोड पर एक प्रचललित जायसवाल परिवार पर एक पति ने अपने दांपत्य जीवन को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। पीड़ित मुकुंद अग्रवाल का कहना है कि उनकी सगी मौसी ने न सिर्फ उनकी पत्नी को बरगलाया, बल्कि उनके खिलाफ साजिश रचकर उनके परिवार को तोड़ दिया। उनका कहना है कि इन लोगों की चालों की वजह से उनका वैवाहिक जीवन खत्म होने की कगार पर पहुंच गया और मजबूर होकर उन्होंने विवाह विच्छेद (तलाक) की अर्जी कोर्ट में दाखिल की।
पारिवारिक विवाद की जड़: सगी मौसी की साजिश कि वजह से मुकुंद अग्रवाल का आरोप है कि उनकी पत्नी प्रीति जायसवाल उनकी सगी मौसी के बीच गहरी सांठगांठ है। जो रॉबर्ट्सगंज के धर्मशाला रोड पर रहती है, ने उनकी पत्नी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की साजिश रची। मुकुंद ने दावा किया कि उनकी पत्नी को गलत दिशा में धकेलने के लिए मौसी ने अपनी भूमिका निभाई और इसके बाद से उनके वैवाहिक संबंधों में लगातार खटास आ गई। मुकुंद का आरोप है कि उनकी पत्नी और उसके परिवार ने उनके खिलाफ कई झूठे आरोप लगाए और जान बूझकर उनका जीवन नर्क बना दिया।
धन और संपत्ति को हड़पने की साजिश कर रहे हैं। मुकुंद ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और उसके ससुराल पक्ष की नीयत उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति पर थी। उन्होंने कहा, मेरे पास एक बड़ा व्यवसाय है और मेरी पत्नी किसी भी हद तक जा सकती है ताकि वह मेरी संपत्ति हड़प सके। उनका परिवार अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर उनका शोषण कर रहा है और वह उन्हें दबाव में लाकर पैसे मांगने की कोशिश कर रहे हैं। पति को प्रताड़ित करने के आरोप और बच्चों से मिलने की शर्त मुकुंद ने बताया कि उनकी पत्नी ने उनसे अपने ही दो छोटे बच्चों से मिलने के बदले मोटी रकम की मांग की है। यह बेहद क्रूर है कि मैं अपने बच्चों से मिलने के लिए पैसे देने पर मजबूर हूं हो रहा है। मुकुंद ने अपनी सुरक्षा के लिए न्यायालय से मदद की मांग की है। पति ने न्याय की गुहार लगाई मुकुंद ने सोनभद्र पहुंचकर पुलिस और न्यायालय से इस मामले में त्वरित और उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा मैं अपने बच्चों के साथ न्याय चाहता हूं और अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाऊंगा।उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने खिलाफ झूठे आरोपों और उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। कानूनी और सामाजिक पहलू यह मामला पारिवारिक हिंसा, वित्तीय शोषण और व्यक्तिगत हमलों के एक जटिल मिश्रण का प्रतीक है। मुकुंद के आरोपों के आधार पर यह माना जा सकता है कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है, जिससे उनका जीवन और संपत्ति खतरे में आ गई है। अगर उनके आरोप सही हैं, तो यह एक गंभीर मामला हो सकता है, जिसमें पति की सुरक्षा, बच्चों की कस्टडी और संपत्ति के अधिकारों के मुद्दे सामने आ सकते हैं। विवाह विच्छेद की याचिका, बच्चों से मुलाकात के लिए पैसे मांगने की बात, और संपत्ति हड़पने की साजिश इन सभी पहलुओं से यह मामला और भी जटिल बन जाता है। इससे यह भी साबित होता है कि पारिवारिक विवाद सिर्फ भावनात्मक ही नहीं, बल्कि कानूनी और वित्तीय स्तर पर भी गंभीर हो सकते हैं।
इस मामले में मुकुंद अग्रवाल की स्थिति बेहद कठिन है, और उनका आरोप कि उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने मिलकर उनके खिलाफ साजिश रची है, एक गंभीर चिंता का विषय है। अब यह देखना होगा कि न्यायालय और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या मुकुंद को उसके हक और न्याय मिल पाता है।