अमित, ब्यूरो चीफ, देवल ।सीखड़,मिर्जापुर।अब ग्रामीण का ऐसा कोई मोहल्ला या गली नहीं है, जहां आवारा कुत्ते न हो। ग्रामीण के सड़कों से लेकर छोटे से छोटे गली मोहल्ले में इनका आतंक चल रहा है। जो हर दिन हर मोहल्ले-गली में किसी न किसी को काटते जरूर है। लगातार इनका आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार प्रशासन इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है, जिसकी वजह से डाग बाइट के मामले बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या में तेज गति से बढ़ते ही जा रही है।कई चौक-चौराहें में कुत्तों का झुंड आक्रमक होता है जो बाइक सवार, पैदल राहगीर या चारपहिया वाहनों के पीछे दौड़ते हैं, इसकी वजह से कई बार दुर्घटना का शिकार भी होते हैं। यह हाल शहर व ग्रामीण अंचल दोनों जगहों में है। लगातार बढ़ रहे कुत्तों के हमले को लेकर लोगों का यह कहना है कि मांस मटन की दुकानें इसका बड़ा कारण है। अपशिष्ट को लेकर कुत्तों में लड़ाईया होती रहती है और यह आक्रमक रवैया अपनाने लगते है और धीरे-धीरे इनका आक्रमक रवैया लोगों के खिलाफ में भी देखने को मिलता है और परिणाम स्वरुप डाग बाइट के मामले बढ़ते ही जा रहे है। यदि जल्द ही इनके नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
कुत्ते भी ज्यादातर बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चों को काटते है, क्योंकि हमला होने की दशा में यह जल्द से जल्द भाग नहीं पाते है और डागबाइट का शिकार हो जाते है। अस्पताल पहुंचने वाले अस्सी फासदी से ज्यादा मामलों में बुजुर्ग, महिला और बच्चे ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते है।