इजरायल और हमास के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सैकड़ों फलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले मृत बंधकों के शवों की अदला-बदली नीति पर दोनों तरफ से सहमती बन गई है।
600 कैदियों की रिहाई में हुई देरी
अधिकारियों ने बताया कि इजराय और हमास के बीच नाजुक युद्धविराम के कम से कम कुछ और दिनों तक बरकरार रहने की संभावना है। इजरायल द्वारा 600 फलिस्तीनी कैदियों को शनिवार को रिहा करना था, जिसमें देरी हुई। इस बारे में इजरायल ने कहा कि हमास ने रिहाई के दौरान बंधकों के साथ क्रूर व्यवहार किया।
इस पर हमास की तरफ से बयान दिया गया कि कैदियों की रिहाई में देरी उनके युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन है और जब तक कैदियों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक दूसरे चरण की बातचीत संभव नहीं है।
युद्धविराम असफल होने का मंडराया था खतरा
दोनों तरफ से इस तरह के गतिरोध के कारण युद्धविराम के असफल होने का खतरा मंडराने लगा था। बता दें, युद्धविराम के छह सप्ताह के पहले चरण की अवधि इस सप्ताह समाप्त होने वाली है।
लेकिन इस बीच मंगलवार देर रात हमास ने कहा कि समूह के एक शीर्ष राजनीतिक अधिकारी खलील अल-हय्या की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने काहिरा की यात्रा के दौरान विवाद को हल करने के लिए एक समझौता किया था।
फलिस्तीनी कैदियों के एक नए समूह को भी किया जाएगा रिहा
इस समझौते के बाद अब चार और बंधकों के शवों और युद्धविराम के तहत रिहा किए जाने वाले सैकड़ों अतिरिक्त कैदियों की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
बयान में कहा गया है कि जैसे ही इजरायली बंदियों के शवों को सौंपा जाएगा फिर पहले रिहा किए जाने वाले कैदियों को और फलिस्तीनी कैदियों के एक नए समूह को भी रिहा किया जाएगा।