कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अंबेडकर नगर जिले में इस समय भ्रष्टाचार चरम सीमा पर अपनी पांव पसारे हुए हैं। जहां देखो वहां पर भ्रष्टाचार रूपी काम दिखाई देता है। चाहे वह निर्माण कार्य में हो या चाहे किसी भी रूप में हो प्रत्येक गांव में भ्रष्टाचार रूपी काम होता है। यह भ्रष्टाचार उस समय ज्यादा होता है। जब जिले में कोई बड़ा महोत्सव होता है। तब प्रत्येक गांव से चंदा रूपी धन जिले पर भेजा जाता है। यह धन किसी के जेब से नहीं जाता जबकि ग्राम सभा में विकास के लिए आया हुआ धन बिना काम कराए ही निकाल लिया जाता है। उस धन को ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सचिव से लेकर खंड विकास अधिकारी सहित पूरे जिले के नीचे से ऊपर तक अधिकारी भ्रष्टाचार में लिफ्त रहते हैं। जब भी कोई बड़ा अधिकारी जिले के दौरे पर भी आता है तो बड़े अधिकारी ग्राम सभाओं से यह कहकर पैसा वसूल लेते हैं कि अमुक अधिकारी आए हैं चंदा देना है।
वैसे तो जिले में प्रत्येक विकासखंड का एक बार में ब्योरा दे पाना तो बहुत बड़ा कठिन कार्य है लेकिन प्रत्येक विकासखंड का सर्वे कर ग्राम सभाओं से कितना धन किस कार्य के लिए और कितनी बार निकाला गया है यह समय-समय पर मिलती रहेगी।
जहांगीरगंज विकासखंड से अंबेडकर महोत्सव के 2 दिन पहले प्रत्येक ग्राम सभा से हैंडपंप मरम्मत के नाम पर सबसे ज्यादा धन निकासी किया गया है। यह धन एक वर्ष में प्रत्येक गांव से अधिकतम मात्रा में निकाला गया है इससे यही साबित होता है कि भ्रष्टाचार रूपी धन का हैंडपंप मरम्मत कार्य जरिया बन गया है। जब भी किसी भी तरह का धन की आवश्यकता हुई तो हैंडपंप मरम्मत करवा दिया गया यानी कि बिना काम करवाए ही हैंडपंप के मरम्मत के नाम पर ग्राम सभा की निधि से पैसा निकाल लिया जाता है। यह एक ऐसा धन है जो की दिखाया भी नहीं जा सकता। जहांगीरगंज विकासखंड में प्रत्येक गांव में चुना और ब्लीचिंग के नाम पर भी पर्याप्त मात्रा में धन की निकासी की गई है। आखिर इन सब भ्रष्टाचार रूपी कार्यों पर लगाम कैसे लगेगी। जबकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार मिटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं लेकिन जब जिले के ही उच्च पदाधिकारी भ्रष्टाचार रूपि कार्यों में लिप्त है तो कैसे भ्रष्टाचार मिटाई कैसे जाएगी यह बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है।