कृष्ण ब्यूरो अंबेडकर नगर दैनिक देवल
अम्बेडकरनगर जनपद के मुख्यालय पर स्थित शहर के निमियहवा पोखरा स्थित बजरंग पेट्रोलपंप के पास में मेड़लाइफ हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर का बोर्ड लगाकर लोगों को लुभाया जा रहा है। सुविधाएं तो छोड़िए यहां पर ट्रामा सेंटर के मानक ही पूरे नहीं हैं। पड़ताल के समय वहां कोई एंबुलेंस तक नहीं दिखी । और न ही सिटी स्कैन व ब्लड बैंक खुद का दिखा। अफसरों की लापरवाही का यह आलम है कि ट्रामा सेंटर के नाम पर चल रहे अस्पताल के मानकों की जांच तक नहीं की जाती।जिला मुख्यालय पर स्थिति नंदराज हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर का लंबा-चौड़ा बोर्ड लगाकर चलाया जा रहा है। ऐसी स्थित में मानक तो दूर की बात है यहां पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं है। ये हैरान करने वाली असलियत।
मीडिया पड़ताल में तस्वीर सामने आई जहां बड़े-बड़े अक्षरों में ट्रामा सेंटर लिखकर लोगों को लुभाया जा रहा है
इस ट्रामा सेंटर में मरीजों को अलग-अलग रखने की सुविधाएं भी ठीक से नहीं दिखीं। आवश्यकता पड़ने पर मरीजों की जान बचाने के लिए ब्लड बैंक की भी व्यवस्था नहीं मिली। यदि किसी मरीज को ब्लड की आवश्यकता पड़ जाए तो भगवान भरोसे ही उसका जीवन रहेगा। सिटी स्कैन, आइसीयू, वेंटीलेटर, आक्सीजन पाइप लाइन भी अस्पताल में नहीं है। ऐसे में तो ट्रामा सेंटर के नाम पर मरीजों के साथ धोखा हो रहा है। ट्रामा सेंटर में आर्थोंसर्जन के अलावा बांकी स्टाफ तो है पर न्यूरोसर्जन का अभाव है। इसके अलावा प्रशिक्षित स्टाप के मानक का कोई आंकलन भी नहीं है। गैर प्रशिक्षित हाथों में मरीजों के उपचार की कमान होने से जान का संशय बना रहता है।
क्या हैं ट्रामा सेंटर के मानक
-चार आपरेशन थियेटर होने चाहिए जिसमें न्यूरो हड्डी व पेट के लिए अलग-अलग आपरेशन थियेटर हों।
-आइसीयू की सुविधा होनी चाहिए।
-ब्लड बैंक, एमआरआइ व सीटी स्कैन की सुविधा हो।
- न्यूरो सर्जन व आर्थाेपेडिक सर्जन सहित दूसरे सभी सर्जन 24 घंटे ट्रामा सेंटर में ही मौजूद रहें।
-आठ-आठ घंटे की ड्यूटी पर प्रत्येक विधा के तीन विशेषज्ञ होने चाहिए।
-ट्रामा मरीजों के लिए अलग व्यवस्था हो, यहां पर सामान्य मरीज न रखे जाएं।
जिला अधिकारी अविनाश सिंह के द्वारा बैठक में दिए गए हैं सख्त निर्देश
मेडलाइफ हॉस्पिटल ट्रामा सेंटर में इलाज करने वाले मरीज नाम न छापने के शर्त पर बताया मेडलाइफ हॉस्पिटल ट्रॉमा सेंटर का नाम इस्तेमाल कर मरीज से भारी भरकम्प फीस वसुले जाते हैं बात वही नहीं खत्म हुई आखिर जनपद मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर मेडलाइफ हॉस्पिटल संचालक अधिकारीयों को खुला चुनौती दे रहा है क्षेत्र की जनता में खुब चर्चा हो रहा है,
अपनी करतूत को छुपाने के लिए मेड लाइफ संचालक मीडिया कर्मियों पर रंगदारी वसूलने का लगता है आरोप
जबकि जिला अधिकारी अविनाश सिंह के द्वारा बैठक में ऐसे अस्पतालों , डायग्नोस्टिक सेंटर पैथोलॉजी,संचालकों पर सख्त कार्रवाई करने का खाका तैयार कर लिया गया है जिला प्रशासन कोई बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा कार्रवाई को लेकर यह सवाल अभी बना हुआ है आखिर कब होगी कार्यवाही।