आमिर। ब्यूरो चीफ। देवल। जौनपुर।जौनपुर, 14 अक्टूबर : चकबंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतें एक बार फिर सामने आ रही हैं। हिंदुस्तान मानवाधिकार संगठन के उत्तर प्रदेश प्रभारी वकार हुसैन ने प्रदेश के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर चकबंदी कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार, लूट और किसानों के शोषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चकबंदी आयुक्त, और जिलाधिकारी जौनपुर से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
कुछ समय पहले भी ऐसी ही शिकायतों के चलते जिलाधिकारी ने चकबंदी कार्य को रोककर संबंधित स्टाफ को हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, चकबंदी कार्य दोबारा शुरू होते ही भ्रष्टाचार और किसानों के शोषण का सिलसिला फिर से जारी हो गया है। वकार हुसैन ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश सरकार के सख्त प्रयासों के बावजूद चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाई है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने दलालों और बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत लेने के नए तरीके अपना लिए हैं, जिससे सीधे तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई करना कठिन हो रहा है।
किसानों का शोषण और लूट जारी_______
वकार हुसैन ने आरोप लगाया है कि चकबंदी विभाग के कर्मचारी पैमाइश से लेकर चकों के आवंटन तक किसानों से लगातार धन उगाही कर रहे हैं। नक्शों में त्रुटियां, नाम और वारासत संबंधी त्रुटियों के बहाने किसानों को परेशान किया जाता है। इसके अलावा, किसी भी निर्माण कार्य के लिए किसानों से मोटी रिश्वत मांगी जा रही है। यदि किसान सुविधा शुल्क देने में असमर्थ होते हैं, तो उनके आवेदन लंबित पड़े रहते हैं और उनका काम नहीं हो पाता।
कटौती की भूमि पर चल रही धांधली_______
श्री हुसैन ने आरोप लगाया कि कटौती की भूमि को भी मोटी रकम लेकर बेचा जा रहा है। इससे चकबंदी कर्मियों और दलालों की तिजोरी तो भर रही है, लेकिन सीधे-सादे और गरीब किसान बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं। किसानों में डर का माहौल है, और वे भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर बोलने या शिकायत करने का साहस नहीं कर पा रहे हैं।
जांच की मांग __________
वकार हुसैन ने चकबंदी कार्य को तुरंत रोकने और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने अपील की है कि इस जांच की जिम्मेदारी किसी ईमानदार अधिकारी को सौंपी जाए, ताकि किसानों के साथ हो रहे अन्याय और भ्रष्टाचार पर रोक लग सके।