आमिर। ब्यूरो चीफ। देवल। जौनपुर।जौनपुर। शाहगंज ब्लॉक के इमरानगंज स्थित डीपीएस स्कूल में सोमवार को प्रधानाध्यापक और एसएमसी अध्यक्षों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अगुवाई खंड शिक्षा अधिकारी श्री बसंत शुक्ला और समस्त एआरपी तथा नोडल संकुल द्वारा की गई।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरख नाथ पटेल ने कहा कि एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने पर केंद्रित होता है। उन्होंने एआरपी की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे शिक्षक और छात्रों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि एआरपी के माध्यम से विद्यालयों में न केवल शिक्षण प्रक्रिया का मूल्यांकन होता है, बल्कि शिक्षकों को नवीनतम शैक्षणिक तकनीकों और संसाधनों से अवगत कराया जाता है। साथ ही उन्होंने विद्यालयों में छात्रों के शैक्षिक परिणामों को सुधारने के लिए नए शिक्षण तरीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी एआरपी से कहा कि वे अपने अनुभवों को साझा करें और उन चुनौतियों को भी सामने लाएं, जिनका सामना शिक्षकों और छात्रों को करना पड़ रहा है। अंत में, अधिकारी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब सभी लोग मिलकर ईमानदारी और समर्पण से कार्य करें।
खंड शिक्षा अधिकारी बसंत शुक्ला ने पुष्पगुच्छ भेंट कर बीएसए का स्वागत किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से आरआरए परीक्षा में जिले और ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच छात्रों को बीएसए द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत मिश्रा और प्राथमिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री सुजीत सोनकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर धर्मेंद्र सिंह, अखिलेश यादव, नोडल संकुल अशोक कुमार, अशोक सोनकर, ओमप्रकाश, वीरेंद्र, रत्नेश सिंह समेत कई शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में शिक्षकों और नोडल शंकुल की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिससे यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरख नाथ पटेल ने कहा कि एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने पर केंद्रित होता है। उन्होंने एआरपी की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे शिक्षक और छात्रों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि एआरपी के माध्यम से विद्यालयों में न केवल शिक्षण प्रक्रिया का मूल्यांकन होता है, बल्कि शिक्षकों को नवीनतम शैक्षणिक तकनीकों और संसाधनों से अवगत कराया जाता है। साथ ही उन्होंने विद्यालयों में छात्रों के शैक्षिक परिणामों को सुधारने के लिए नए शिक्षण तरीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी एआरपी से कहा कि वे अपने अनुभवों को साझा करें और उन चुनौतियों को भी सामने लाएं, जिनका सामना शिक्षकों और छात्रों को करना पड़ रहा है। अंत में, अधिकारी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब सभी लोग मिलकर ईमानदारी और समर्पण से कार्य करें।
खंड शिक्षा अधिकारी बसंत शुक्ला ने पुष्पगुच्छ भेंट कर बीएसए का स्वागत किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से आरआरए परीक्षा में जिले और ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच छात्रों को बीएसए द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत मिश्रा और प्राथमिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री सुजीत सोनकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर धर्मेंद्र सिंह, अखिलेश यादव, नोडल संकुल अशोक कुमार, अशोक सोनकर, ओमप्रकाश, वीरेंद्र, रत्नेश सिंह समेत कई शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में शिक्षकों और नोडल शंकुल की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिससे यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।