देवल संवाददाता,मऊ। सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष पारसमणी सिंह की अगुवाई में अति प्राचीन नारदीय संगीत व जिले के ऐतिहासिक रामलीला के कलाकारों को प्रतीक चिन्ह,पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित किए गए कलाकारों में विनोद उपाध्याय, बृजेश उपाध्याय,महेंद्र मौर्य,दयानंद मौर्य,रामजी सिंह,हरिश्चंद्र, बृजबिहारी,मुन्ना,त्रिलोचन,लालजी, ओमप्रकाश,गोपाल कश्यप को अपनी परंपरा बचाने के लिए सम्मानित किया गया।सम्मान सभा को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष पारसमणि ने कहा कि नारद जी ने संगीत कला का ज्ञान देवी सरस्वती से प्राप्त कर स्वर्ग में गंधर्व किन्नर एवं अप्सराओं को इसकी शिक्षा प्रदान किया। यही से इस कला का प्रचार प्रसार पृथ्वी लोक पर ऋषि मुनियों द्वारा किया गया। इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए हमारे बुजुर्गों ने जो त्याग तपस्या किया है वह सराहनीय है, नहीं तो यह परंपरा कभी विलुप्त हो गई होती। और आज की युवा पीढ़ी नारदीय संगीत क्या होता है यह जान ही नहीं पाती। इस दौरान पारसमणी सिंह,विकास सिंह,प्रवीण गुप्ता,अंकित बरनवाल सहित आदि उपस्थित रहें।