देवल संवाददाता, लखनऊ: ट्रांसपोर्ट नगर में एक तीन मंजिला बिल्डिंग गिर गई थी। उसमें आठ लोगों की मौत गई। उन आठ लोगों में से से एक धीरज गुप्ता भी थे। रविवार की सुबह लखनऊ के जुनाबगंज चौराहे पर उनके परिजनों ने शवह रखकर हंगामा किया। देखते ही देखते यहां प्रदर्शन की नौबत आ गई। बाद में स्थानीय विधायक राजेश्वर सिंह से फोन पर बात करने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए मान गए। विधायक ने उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया। इधर लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने रविवार की सुबह इस इमारत को पूरी तरह से सील कर दिया। जांच पूरी होने तक वह इमारत सील ही रहेगी। मालूम हो कि यह इमारत दस साल पहले ही बनाई गई थी। ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार शाम बारिश के दौरान शहीद पथ किनारे स्थित एक तीन मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। हादसे में एक कारोबारी समेत आठ लोगों की मौत हो गई जबकि मलबे में दबे 24 लोगों को निकालकर राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें 3 लोगों की हालत गंभीर है, जिनका ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में देर रात तक जुटी रहीं।आशियाना निवासी राकेश सिंघल का हरमिलाप (ग्राउंड प्लस 2) टावर था। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना निवासी जसमीत साहनी का मोबिल ऑयल और दूसरी मंजिल पर दवा का गोदाम था। पहली मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट सेंटर का गोदाम था। शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तेज बारिश शुरू हुई। आधे घंटे बाद अचानक पूरी बिल्डिंग ढह गई। इससे आसपास भगदड़ मच गई। सबसे पहले पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद दमकल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं और राहत-बचाव शुरू किया। एक-एक कर 32 लोगों को निकाला गया। इसमें से कारोबारी जसमीत सिंह साहनी (45) एल्डिको ग्रीन गोमतीनगर, पंकज तिवारी (40) रजनीखंड आशियाना, धीरज गुप्ता (48) बंथरा, अरुण सोनकर (28) व राकेश कुमार (32) कृष्णानगर, जगरूप (34) उन्नाव, इंजीनियर रूद्र यादव (25) साउथ सिटी, पीजीआई और राजकिशोर (27) की मौत हो गई। घायलों का इलाज जारी है।हादसे के वक्त एक कंटेनर से दवाओं की खेप उतारकर गोदाम में पहुंचाई जा रही थी। कंटेनर चालक राजेश कंटेनर की ड्राइविंग सीट पर बैठे थे। ट्रक का आधा से अधिक हिस्सा बिल्डिंग के भीतर था। बिल्डिंग ढहते ही कंटेनर का आधे से अधिक हिस्सा मलबे में दब गया। हर तरफ धूल का गुबार छा गया। राकेश केबिन के दरवाजे से कूदकर भाग गए, जिससे उनकी जान बच सकी।