देवल संवाददाता, इन्दारा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ग्राम पंचायतो में सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं,ताकि गांवों को खुले में शौच मुक्त कर ओडीएफ की श्रेणी में लाया जा सके। मगर देख रेख के अभाव में सामुदायिक शौचालय की स्थिति बदहाल है। कही शौचालय में दरवाजा टूटा है तो कही दरवाजे के बाजू निकला तो वही बाउंड्री के सामने गन्दगी का अंबार लगा है।कोपागंज विकास खंड के ग्राम सभा शाहपुर में वर्ष 2020-21 में लाखों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। इन शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को सौंपी गयी है। शासन के निर्देश मुताबिक,रखरखाव व मरम्मत कार्य के एक शौचालय पर एक सफाईकर्मी की तैनाती की गई है। सफाई दिन में दो बार की जाएगी। इसके लिए मद में छह हजार रुपये प्रतिमाह कर्मचारी,मरम्मत,बिजली,नल की टोटी आदि के लिए पांच सौ रुपये,टोटी, साफ-सफाई के लिए झाडू,ब्रश, वाईपर,स्पंज के लिए बारह सौ रुपये,छह माह में कपड़े में पोछा,बाल्टी, मग,साबुन,वांशिग पाउडर के लिए एक हजार रुपये,एयरफ्रेशनर,ग्लब्स, हारपिक,मास्क,सॉलिड वेस्टजाएगा मैनेजमेंट,सैनिटाइजर आदि मिलाकर नौ हजार रुपये खर्च किये जा रहे हैं। हर महीने लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। शाहपुर गांव में बना सामुदायिक शौचालय की बाउंड्री व सामने गंदगी अम्बार लगा हुआ है,वहीं शौचालय का आठ महीनों से दरवाजा टूटकर बाजू से निकलकर दो हिस्सों में हो गया है। एक दरवाजे का तो बाजू ही टूटकर निकल गया है। इसके गेट पर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। फर्स भी टूटा है। जिसके कारण इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा हो रहा है। इस बावत बीडीओ कोपागंज ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है। इसके लिए मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है लेकिन अभी तक मरम्मत नही हुआ है तो सचिवों की लापरवाही है। इसकी जाँच कर कार्रवाई किया जाएगा।