गोरखपुर से बेटे-बहू के साथ सोमवार को गया जा रहे एक बुजुर्ग की रेलवे प्लेटफाॅर्म पर गिरकर मौत हो गई। ट्रेन में चढ़ने से पहले ही बुजुर्ग को चक्कर आ गया और वह प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच में गिर गए। परिवार के लोगों ने बड़ी मुश्किल से बाहर खींचा, मगर तब तक उनकी मौत हो गई थी। बेटे ने बताया कि पिता के आंखों के इलाज के लिए उन्हें गया ले जा रहे थे।
सिंघड़िया के रहने वाले 92 वर्षीय शारदा प्रसाद पांडेय सोमवार को बेटा-बहू के साथ शालिमार एक्सप्रेस से बिहार के गया शहर जाने वाले थे। लगभग 1:30 बजे वह ट्रेन में चढ़ने जा रहे थे, तभी अचानक गिर गए। बेटे-बहू जब तक उनको पकड़ पाते, वह ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फंस गए थे। प्लेटफार्म पर खड़े अन्य यात्रियाें ने दौड़कर मदद की और उनको बाहर निकाला गया।लोगों की सूचना पर आए रेलवे के डॉक्टरों ने चेक किया तो सांस नहीं चल रही थी। बुजुर्ग के बेटे संजीव पांडेय ने बताया कि वह पिता को लेकर गया जा रहे थे। वहां पर उनकी आंख का ऑपरेशन करवाना था। ट्रेन पर चढ़ते समय चक्कर आ गया और वह प्लेटफाॅर्म पर गिर गए। सिर में चोट लगने की वजह से उनकी मौत हो गई।घटना के बाद बुजुर्ग को हॉस्पिटल ले जाने में परिवार के लोगों के पसीने छूट गए। रैंप बंद होने की वजह से स्ट्रेचर को दो हिस्से में ले जाना पड़ा। प्लेटफॉर्म से शरीर को स्ट्रेचर पर रखकर एक नंबर तक ले जाने में काफी दिक्कत हुई।परिवार के दो लोग बॉडी को लेकर सीढ़ी से चढ़े। पीछे से दो लोग स्ट्रेचर के दूसरे हिस्से को लेकर आए। इसके बाद किसी तरह बॉडी को एंबुलेंस तक लेकर गए। इस पूरे घटनाक्रम में आधा घंटा का समय लग गया।रेलवे स्टेशन पर घायल बुजुर्ग को लेकर जाते परिजन। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तक बाहर लाते समय परिजनों का पसीना छूट गया। रैंप बंद होने की वजह से सीढ़ियों से चढ़ते समय परिजनों को काफी दिक्कतें हुईं।