भारत और मालदीव के बीच उपजे विवाद के बाद इसे कम करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बीच विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और मालदीव ने 14 जनवरी को एक कोर ग्रुप की बैठक की। बैठक में दोनों देशों ने मानवीय और चिकित्सकीय सुविधा देने वाले भारतीय विमानन सेवाओं के लगातार संचालन को जारी रखने पर चर्चा की।भारत और मालदीव के बीच उपजे विवाद के बाद इसे कम करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बीच विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और मालदीव ने 14 जनवरी को एक कोर ग्रुप की बैठक की। इस बैठक में दोनों देशों ने मानवीय और आपात स्थिति में चिकित्सकीय सुविधा देने वाले भारतीय विमानन सेवाओं के लगातार संचालन को जारी रखने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान खोजने पर विचार-विमर्श किया।इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों की अगली बैठक नई दिल्ली में होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में बैठक में हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, कोर ग्रुप की बैठक के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा की। बता दें कि मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की पहली बैठक माले में हुई।उन्होंने कहा, बैठक में दोनों देशों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडिकल सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्म के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान ढूंढने पर चर्चा की। चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए अगली बैठक भारत में होगी।जायसवाल ने कहा कि चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए अगली बैठक भारत में होनी है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को मालदीव से भारतीय सेना को वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध प्राप्त हुआ है?इसपर जयसवाल ने कहा, "जो भी चर्चा हुई उसे प्रेस रिलीज में डाला गया है। सही मायनों में स्थिति वहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। दोनों पक्षों ने समाधान खोजने पर चर्चा की है।" यह एक सतत चर्चा है, इसलिए चीजें आगे बढ़ेंगी या जल्द ही कोर ग्रुप की अगली बैठक में इसको लेकर चर्चा की जाएगी।"