रतनपुरा । झोपड़ी में अचानक लगी आग से चार बकरियां एवं एक पडिया की जलकर दर्दनाक मौत हो गई वहीं एक भैंस एक पढ़िया झुलस कर काफी गंभीर रूप से घायल हो गए इन पशुओं के बचने के चक्कर में गृहस्वामी मुनिया देवी 46 वर्ष पत्नी रामानंद राजभर भी जलकर गंभीर रूप से घायल हो गई यह घटना मंगलवार की रात्रि लगभग 8:00 बजे की है झोपड़ी से आग की लपट निकलते देख बड़ी संख्या में ग्रामवासी एकत्र हो गए और इनकों एन केन प्रकरेण कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया ग्राम वासियों ने गंभीर रूप से जली मुनिया देवी को एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय पहुंचाया परंतु उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया परंतु वाराणसी से भी उसे लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया है मुनिया देवी का परिवार काफी निर्धन है गांव वालों ने तत्काल चंदे की व्यवस्था करके मुनिया देवी को उपचार के लिए भेजा है इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रवि कुमार ने बताया की पशु चिकित्सालय के चिकित्सक को गंभीर रूप से जले हुए पशुओं के उपचार के लिए बुलाया गया तो चिकित्सक ने आने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पहले थाने पर प्राथमिकी दर्ज कराओ तब मैं आऊंगा पशु चिकित्साधिकारी के रवैया से ग्राम वासियों में व्यापक छोभ एवं आक्रोश है इस आगजनी की घटना एवं प्रशासन के उपेक्षात्मक रूप से ग्राम वासियों में व्यापक आक्रोश है पूर्व ब्लाक प्रमुख अक्षय कुमार राजभर ने इस पीड़ित परिवार को तत्काल राहत दिए जाने की प्रशासन से आवाज उठाई है नसीराबाद कला ग्राम पंचायत निवासी रामानंद राजभर रोजी-रोटी के सिलसिले में बैंगलोर रहते हैं घर पर चार बच्चों के साथ उनकी पत्नी मुनिया देवी पशुपालन मजदूरी का कार्य करती है इस आगजनी की सूचना पाकर रामानंद भी बेंगलुरु से घर के लिए रवाना हो गए हैं आग कैसे लगी कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है रात्रि को मुनिया देवी अपने दो बेटियों अर्चना 16 वर्ष काजल 15 वर्ष एवं दो बेटे आकाश आठ वर्ष और विकास 5 वर्ष के साथ घर पर रहकर पशुपालन एवं मजदूरी से अपने परिवार का भरण पोषण करती है मंगलवार की रात्रि अचानक लगी आग से उसका सब कुछ रख में तब्दील हो चुका है और वह खुद भी गंभीर रूप से जल गई है ग्रामीणों की सूचना पर गांव के लेखपाल अजीत कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया लेखपाल ने बताया कि इस संबंध में अपनी व्याख्या जिला प्रशासन को आज ही सौंप देंगे फिलहाल आगजनी कि घटना से पीड़ित परिवार के समक्ष भयंकर आपदा की स्थिति आ गई है और परिवार के पास कुछ भी नहीं बचा है सब कुछ आग की लपट में स्वाहा हो चुका है ।