वाराणसी। चर्चित महावीर प्रसाद रुंगटा केस मामले में अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। अपर सिविल जज प्रभारी उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से ये पेशी हुई। कोर्ट की कार्रवाई पूरी होने के बाद जज ने मुख़्तार अंसारी को दोषी करार दिया। सजा सुनते ही मुख्तार का सिर झुक गया और सिर झुकाए ही खड़ा रहा। मुख्तार ने हाथ जोड़कर अदालत से गुहार लगाई कि मैं बुजुर्ग और बीमार हूँ और काफ़ी समय जेल में काट चूका हूँ। लिहाजा, मुझे कम से कम सजा दी जाए। मुख्तार अंसारी के सजा के सवाल पर अभियोजन ने कहा कि समाज की सुरक्षा और सामाजिक भलाई में उसके योगदान की जरूरत थी। इसके बावजूद जिस परिवार का सदस्य अपहृत हुआ, उसके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त मुख्तार अंसारी ने पांच नवंबर 1997 की शाम लगभग पांच बजे महावीर प्रसाद रुंगटा को टेलीफोन से जान से मारने की धमकी दी थी। इस तरह से भारतीय दंड संहिता की धारा 503 में परिभाषित और धारा 506 के खंड दो के तहत दंडनीय अपराध अभियुक्त मुख्तार अंसारी द्वारा किया गया है। ऐसे में उसे पांच वर्ष छह माह की कैद और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जाता है।