जौनपुर में मरीजों को अब अस्पताल ले जाने के लिए नए वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अब आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए त्वरित गति से एंबुलेंस उनके द्वार पर पहुंचेगी। यहां वर्षों पुरानी बीमार एंबुलेंस की जगह 102 के 21 नए एंबुलेंस और आ गए हैं। सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह ने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर अस्पतालों के लिए रवाना किया।मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए त्वरित गति से एंबुलेंस उनके द्वार पर पहुंचेगी। यहां वर्षों पुरानी बीमार एंबुलेंस की जगह 102 के 21 नए एंबुलेंस और आ गए हैं। इनके आने से इमरजेंसी उपचार में आ रही बाधा समाप्त हो गई है।सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह ने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर अस्पतालों के लिए रवाना किया। सरकार ने त्वरित उपचार के लिए तीन प्रकार की एंबुलेंस सेवाएं दी हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तीन एएलएस(एडवांस लाइफ सपोर्ट) वाहन हैं।इन नई एंबुलेंस में कई सुविधाएं हैं। जैसे 50 हादसों में घायलों व गंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को अस्पताल लाने व ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस 50 हैं। इसके अलावा सात वाहन बैकअप में रखे गए हैं। इनके संचालन की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता संस्था जीवीके को दी गई है।लगभग एक दशक पुराने हुए अधिकांश वाहन जर्जर हो गए थे। जरूरत पड़ने पर समय से न पहुंचने, रास्ते में खराब हो जाने व फिटनेस न होने के कारण आए दिन बाधा आ रही थी। इन बीमार वाहनों के मरम्मत की लंबे समय से आवश्यकता थी। सीएमओ ने बताया कि पुराने सभी एंबुलेंसों को बदल दिया गया है। मरीजों की सेवा में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डा. डीके सिंह ने कहा कि 101 व 108 एंबुलेंस सेवाएं सरकार की तरफ से संचालित की जा रही हैं। 102 एंबुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व दो साल तक के बच्चों को अस्पताल ले जाने और वापस घर छोड़ती है जबकि 108 एंबुलेंस इमरजेंसी सेवा है।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजीव यादव, डा. जियाउल हक, सेवा प्रदाता संस्था जीवीके के नोडल अधिकारी राहुल कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।