देवल संवाददाता,आजमगढ़। जिला समाज कल्याण विभाग से संबद्ध प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 43 शिक्षकों की जांच आख्या पर रिपोर्ट लगाने के नाम पर धन मांगने से जुड़ा एक वायरल आडियो शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंच गया। शिकायतकतार्ओं ने आरोप लगाया है कि यह आडियो समाज कल्याण विभाग में कार्यरत लिपिक आलोक रंजन मिश्रा का है। शिक्षकों ने मामले की निष्पक्ष जांच कर संबंधित कर्मी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता रामजीत सिंह सहित अन्य शिक्षकों का कहना है कि शासन के निर्देश पर 43 शिक्षकों की जांच कराई जानी थी, जिसकी रिपोर्ट विभागीय लिपिक को प्रेषित की जानी थी। आरोप है कि रिपोर्ट लगाने के एवज में संबंधित बाबू द्वारा शिक्षकों से धन की मांग की जा रही थी। वायरल आडियो में कथित रूप से यह भी कहा जा रहा है कि उनके बिना समाज कल्याण विभाग का कोई काम नहीं चलता तथा वे स्थानांतरण के बाद पुन: वापस आकर शिकायत करने वालों को सबक सिखाएंगे। शिक्षकों का आरोप है कि 4 दिसंबर को संबंधित लिपिक को विभाग से कार्यमुक्त कर दिया गया, बावजूद इसके उन्होंने तथ्यात्मक रिपोर्ट न लगाकर शासन को गुमराह किया। साथ ही अब तक उनका चार्ज किसी अन्य कर्मचारी को न सौंपे जाने के कारण शिक्षक पिछले छह माह से बिना वेतन के कार्य करने को मजबूर हैं, जिससे उनमें भारी रोष व्याप्त है। शिकायत के संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जहां से आश्वासन मिला है कि वायरल आडियो की जांच कर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी तथा आवश्यक स्थानांतरण की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला वर्ष 2020 का है, जब तत्कालीन विधायक सुषमा पटेल द्वारा समाज कल्याण विभाग की नियुक्तियों को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था, जिसकी पत्रावली लंबे समय से लंबित बताई जा रही है। इस अवसर पर धर्मेन्द्र सिंह, मधुनिका सिंह, वरूण सिंह, रामप्रवेश यादव, प्रशांत कुमार गौंड, आशुतोष राय, प्रशांत पाठक, शिव कुमार, सुनील यादव सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।