देवल संवाददाता, जनपद के ग्राम पंचायत/विकास सचिवों ने शुक्रवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन किया। उन्होंने ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली और मूल विभागीय दायित्वों के अतिरिक्त अन्य विभागों के कार्यों को थोपे जाने का विरोध किया। इस दौरान सचिवों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा और शासकीय व्हाट्सएप ग्रुपों से खुद को हटा लिया।
शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर यह आंदोलन जनपद के विकास खंड कार्यालय बांसडीह सहित सभी ब्लॉकों में आयोजित किया गया। सचिव सुबह 11 बजे से संबंधित विकास खंड कार्यालयों पर एकत्रित हुए और शांतिपूर्ण ढंग से दरी पर बैठकर सत्याग्रह पर बैठ गए। उन्होंने कार्य बहिष्कार नहीं किया, बल्कि अपने विरोध को दर्ज कराया।
आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली को लागू करने का विरोध करना था। इसके अतिरिक्त, सचिवों ने मूल विभागीय दायित्वों के अतिरिक्त अन्य विभागों के कार्यों को थोपे जाने के खिलाफ भी आवाज उठाई। सचिव संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें अत्यधिक कम यात्रा भत्ता मिलता है, जबकि उन्हें पूरे क्षेत्र में व्यापक भ्रमण करना पड़ता है। उन्होंने ई-ग्राम स्वराज भुगतान प्रणाली की जटिलताओं पर भी चिंता व्यक्त की।
दोपहर 1 बजे, सभी सचिवों ने अपनी समस्याओं से संबंधित एक अधिकृत ज्ञापन संबंधित खंड विकास अधिकारी को सौंपा। इस ज्ञापन को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्य सचिव महोदय को प्रेषित किया जाना है।
ज्ञापन सौंपने के तुरंत बाद, आंदोलनकारी सचिवों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने व्यक्तिगत मोबाइल फोन से समस्त शासकीय विकासखंडीय एवं जनपद स्तरीय व्हाट्सएप ग्रुपों से स्वयं को हटा लिया।
सचिवों ने स्पष्ट किया कि ज्ञापन देने और व्हाट्सएप ग्रुपों से हटने के उपरांत, अपरान्ह 1 बजे से उन्होंने पुनः अपने विभागीय उत्तरदायित्वों का निर्वहन शुरू कर दिया है, ताकि जनहित के कार्य बाधित न हों। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो भविष्य में विरोध की रणनीति को और तेज किया जाएगा।
