रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रोकने की कोशिश में जुटे डोनल्ड ट्रंप को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। ट्रंप ने शांति प्रस्ताव के लिए अपने दूत को रूस भेजा था। हालांकि, इस बैठक के बाद भी वो बात नहीं बन पाई, जिसके लिए ट्रंप ने अपने दूत भेजे थे, क्योंकि यूक्रेन के इलाकों को लेकर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई।
दरअसल, रूस के क्रेमलिन में यूक्रेन से जारी विवाद को लेकर शांति बैठक आयोजित हुई। बैठक के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दो दूत भेजे थे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ट्रंप के दूतों के बीच करीब पांच घंटे बैठक हुई। इसके बावजूद अमेरिका को यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित शांति समझौते में सफलता नहीं मिली।
ट्रंप के दामाद ने पुतिन से की मुलाकात
क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि पुतिन ने मंगलवार देर रात ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर से मुलाकात की, लेकिन दोनों पक्षों ने केवल अमेरिकी प्रस्तावों की व्यापक रूपरेखा की समीक्षा की और किसी समझौते पर नहीं पहुंचे।
नहीं बनी सहमति
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उशाकोव ने कहा, ' ट्रंप के दूत और पुतिन के बीच हुई चर्चा बहुत उपयोगी, रचनात्मक और ठोस थी, यह बैठक पांच मिनट नहीं, बल्कि पांच घंटे तक चली।' लेकिन इस वार्ता में सहमति नहीं बनी।
बैठक के दौरान पुतिन ने उन चारों प्रस्तावों पर चर्चा की, जिसे अमेरिका की ओर से भेजा गया था। इसमें कुछ बातों पर सहमत हो सके और अपने वार्ताकारों के सामने इसकी पुष्टि की। वहीं, कुछ अन्य बातों की आलोचना हुई।
पुतिन ने ट्रंप को कई महत्वपूर्ण संकेत दिए और व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं, हालांकि, दोनों पक्षों ने मीडिया को विशेष जानकारी न देने पर सहमति व्यक्त की।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
उशाकोव ने यह भी पुष्टि की कि चर्चा में "क्षेत्रीय समस्या" पर भी चर्चा हुई, जो क्रेमलिन द्वारा पूरे डोनबास क्षेत्र पर रूस के दावों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। हालांकि, यूक्रेन अब भी उस क्षेत्र के लगभग 5,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, जिसे रूस अपना बताता है, और लगभग सभी देश डोनबास को यूक्रेन का हिस्सा मानते हैं।
उशाकोव ने कहा,अभी भी वाशिंगटन और मॉस्को दोनों जगह बहुत काम किया जाना बाकी है। इसी पर सहमति बनी है और संपर्क जारी रहेंगे।
