भारतीय क्रिकेट टीम में इस समय ये चर्चा जोरों पर है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के अलावा चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर से बन नहीं रही है। टीम मैनेजमेंट नहीं चाहता कि ये दोनों वनडे वर्ल्ड कप-2027 में टीम का हिस्सा हों, लेकिन दोनों ने ठान लिया है कि वह अपने प्रदर्शन से दावेदारी मजबूत करेंगे। हालांकि, पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद का मानना है कि ये दोनों खिलाड़ियों के साथ बेहतर व्यवहार होना चाहिए।
विराट कोहली ने रांची में खेले गए पहले वनडे मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शानदार शतक जमाया। उन्होंने 120 गेंदों पर 135 रनों की पारी खेली। उनके अलावा रोहित ने 57 रन बनाए थे। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे मैच में रोहित ने शतक और विराट ने अर्धशतक जमाया था।
कोहली-शास्त्री और धोनी से लेनी चाहिए सीख
पूर्व चीफ सेलेक्टर ने कहा ही है कि भारतीय क्रिकेट को इस समय उस वक्त से प्ररेणा लेनी चाहिए जब एमएस धोनी ने कप्तानी छोड़ी थी और कोहली ने संभाली थी। प्रसाद ने कहा कि धोनी ने कोहली को कप्तान के तौर पर निखारने में अहम रोल अदा किया और इससे भारतीय क्रिकेट को फायदा हुआ।
प्रसाद ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, "उस समय के हेड कोच रवि शास्त्री, विराट कोहली और एमएस धोनी के बीच जो संबंध थे उससे प्ररेणा लेनी चाहिए। हमने उस समय उप-कप्तान के नाम का एलान नहीं किया था। धोनी ने कोहली के मेंटर की जिम्मेदारी निभाई और कोहली ने पूरा साथ दिया। कोहली और रोहित को ये बता देना चाहिए कि आप गिल का मार्गदर्शक हैं। उनको वो कहने दें जो वह कहना चाहते हैं।"
पंगा मत लो
प्रसाद ने कहा कि सबसे पहले चीज टीम मैनेजमेंट को करनी चाहिए वो ये है कि वह बड़े खिलाड़ियों के साथ पंगा न लें। ये बड़े खिलाड़ी ही परफॉर्म कर रहे हैं न कि युवा खिलाड़ी। ये उचित होगा कि जब ये लोग नेशनल टीम के लिए न खेल रहे हों तो घरेलू क्रिकेट खेलें क्योंकि इससे राज्य टीम के खिलाड़ियों को प्ररेणा मिलती है। हमने कभी धोनी से घरेलू क्रिकेट खेलने को नहीं कहा लेकिन उनको जब लगा कि खेलना चाहिए वो खेले।"
एमएसके प्रसाद उस समय बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर थे और कोहली को वनडे-टी20 टीम की कप्तानी उन्हीं के रहते मिली थी।
