देवल संवादाता,वाराणसी। अमेरिका की यात्रा के दौरान सिख समुदाय पर दिए गए राहुल गांधी के विवादित बयान पर कानूनी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। राहुल के खिलाफ दर्ज मामले में जिला न्यायालय में एक बार फिर निगरानी याचिका दाखिल की गई है। सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट अगली सुनवाई तीन जनवरी को करेगी।
सितंबर 2024 में राहुल गांधी ने भारत में सिखों पर टिप्पणी कर सवाल उठाए थे। उनके बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किया तो विवाद और गहरा गया। विरोध में सारनाथ तिलमापुर निवासी नागेश्वर मिश्र ने सारनाथ थाने में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। कार्रवाई न होने पर अवर न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी/एमएलए) कोर्ट में प्रकीर्ण वाद प्रस्तुत किया। वाद 28 नवंबर 2024 को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया था।
इस आदेश के खिलाफ नागेश्वर मिश्र ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की, जिसे 21 जुलाई 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट यजुवेंद्र विक्रम सिंह ने स्वीकार कर निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिविजन दाखिल किया, लेकिन उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर 2025 को रिविजन खारिज कर मजिस्ट्रेट कोर्ट को फिर से सुनवाई का आदेश दिया।
मजिस्ट्रेट नीरज कुमार त्रिपाठी ने 17 अक्तूबर 2025 को एक बार फिर प्रकीर्ण वाद को खारिज कर दिया, जिसके बाद नागेश्वर मिश्र ने बुधवार को फिर से जिला न्यायालय में निगरानी याचिका दायर की।
