कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर । लखनऊ में राष्ट्रवाद के अग्रदूत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा वर्ष 1875 में रचित अमर राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘वंदे मातरम् के सामूहिक गायन एवं स्वदेशी का संकल्प’ कार्यक्रम का सजीव प्रसारण शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार, अम्बेडकरनगर में किया गया। जहां पर माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के उद्बोधन का सजीव प्रसारण देखा एवं सुना गया। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी के संदेश को भी सुना गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) रंजीत सिंह ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणाशक्ति रहा है। इस गीत ने लाखों देशवासियों के हृदय में स्वाधीनता की ज्वाला प्रज्वलित की। उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने उस समय में, जब देश पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, ‘वंदे मातरम्’ की रचना कर देशभक्ति के उस बीज को रोपा, जिसने आगे चलकर एक विराट जनांदोलन का रूप लिया। यह गीत माँ भारती की वंदना करते हुए हमें यह स्मरण कराता है कि भारत माता केवल भूमि नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, सभ्यता, भाषा, आस्था और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।
अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) महोदय ने उपस्थित जनों से आह्वान किया कि वे ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र सशक्त बनाओ’ के संकल्प को जीवन में उतारें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर हमें यह प्रण करना चाहिए कि हम अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहकर राष्ट्र की उन्नति में योगदान देंगे।
जनपद स्तर पर कलेक्ट्रेट सभागार में सजीव प्रसारण के साथ ही जनपद के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में भी राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का समूह गायन किया गया।
