देवल संवादाता,वाराणसी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पुलिस पेंशनर्स और तीन नए कानून, साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया। कैंप कार्यालय पर उन्होंने जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायिक साक्ष्य समेत तीन नए कानून पर चर्चा की।
बताया कि दक्षिण भारत समेत अन्य राज्यों के मामलों में अब तक कमिश्नरेट में 35 जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। अगर किसी व्यक्ति के साथ अपराध होता है और वह किसी भी कारण से अपने क्षेत्र के थाने तक तुरंत नहीं पहुंच सकता, तो वह देश के किसी भी पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करा सकता है।
ई-एफआईआर का मतलब है कि किसी व्यक्ति के साथ कोई अपराध होता है, तो वह थाने गए बिना, इंटरनेट से शिकायत पुलिस में दर्ज करा सकता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायिक साक्ष्य के बारे में पुलिस आयुक्त ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को अदालत में उपस्थित होना कठिन है, जैसे वह किसी दूसरे शहर या स्थान पर है तो उसका बयान या गवाही वीडियो कॉल या वीडियो लिंक के माध्यम से रिकॉर्ड की जा सकती है। 824 पेंशनर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया।
दी गई जानकारी
बताया कि फॉरेंसिक एविडेंस का अनिवार्य उपयोग हो, जब अपराध की जांच के दौरान वैज्ञानिक तरीके से मिले सबूतों (जैसे डीएनए टेस्ट, फिंगरप्रिंट, मोबाइल डाटा, सीसीटीवी आदि) का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि जांच सटीक, निष्पक्ष रहे। गंभीर अपराधों में दोष सिद्धि सुनिश्चित करने के लिए 2431 मामलों में फॉरेंसिक एविडेंस संकलित कराया गया है। जिससे 7 वर्ष से अधिक दंडनीय अपराधों में ठोस साक्ष्य पर सजा दिलाने में सहायता मिले।
पुलिस कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है
पुलिस आयुक्त ने बताया कि किसी भी सरकारी एजेंसी की ओर से डिजिटल अरेस्ट नहीं किया जाता और किसी को भी ओटीपी, यूपीआई, पिन या बैंक विवरण साझा नहीं करना चाहिए। पेंशन विसंगतियों, भुगतान, चिकित्सा प्रतिपूर्ति जैसी समस्याओं के तुरंत समाधान व पेंशनर्स की व्यक्तिगत व घरेलू समस्याओं को संवेदनशीलता से हल करने के निर्देश दिए। थानों पर तैनात अधिकारियों को पेंशनर्स से नियमित संवाद बनाकर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निर्देशित किया। सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार मिश्रा ने तीन नए कानून के बारे में महिलाओं, युवतियों और छात्र-छात्राओं को जागरूक किया।
