कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।स्वतंत्रता सेनानी,समालोचक व उर्दू के प्रसिद्ध शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी 129 वीं जयंती पर प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वाधान में रामनगर स्थित ओरांव में आर्य हरीश कोशलपुरी की अध्यक्षता तथा जमालुद्दीन सफर के संचालन में कार्यक्रम हुआ।मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने कहा कि फिराक गोरखपुरी प्रगतिशील आंदोलन के महान शायर थे। उनकी शायरी ने देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया।वह उर्दू जबान की आबरू थे,और उनकी शायरी को मांग का सिंदूर कहा गया है।वह अपनी ग़ज़लों और शेरों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।आर्य हरीश कोशलपुरी ने कहा कि फ़िराक़ ने उर्दू शायरी को एक नई संगीतात्मकता,नए पहलू और नई भाषा से परिचित कराया।उन्होंने प्रेम और जीवन के दुखों का चित्रण एक स्वस्थ तरीके से प्रस्तुत किया।कायस्थ परिवार में जन्मे शायर ने प्रगतिशील आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई ।जमालुद्दीन सफर ने कहा कि फ़िराक़ गोरखपुरी को उर्दू शायरी की महानतम हस्तियों में गिना जाता है,और वे आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के संस्थापकों में से एक हैं। राशिद अनवर राशिद ने कहा कि फ़िराक़ को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।रेखा त्रिपाठी ने फिराक के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।संयोजक उत्कर्ष प्रियम त्रिपाठी ने आभार प्रकट किया।कार्यक्रम में नंदकिशोर बेचैन,राम आशीष विभोर, दस्तगीर फैसल,राशिद अनवर,सुनील गुलजार आदि शायरों एवं कवियों ने रचनाओं के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।