अकेलेपन एवं मानसिक संतुलन न बन पाने पर उत्पन्न होता है अवसाद जिसकी परिणिति है आत्महत्या - प्रो. राम आसरे सिंह
सितंबर 17, 2025
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आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। मानसिक स्वास्थ्य एवं छात्र आत्महत्या रोकथाम जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत तिलकधारी महाविद्यालय के बलरामपुर हाल में कार्यक्रम का शुभारंभ तिलकधारी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामआसरे सिंह द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। उन्होंने कहा कि शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बने, अपनी सोच समझ और मानसिक संतुलन को बनाए रखें और संवाद का गुण विकसित करें। अकेलेपन से अवसाद उत्पन्न होता है और बहुत लंबे समय तक एकांत में रहने से व्यक्ति आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाता है। प्रोफेसर एसके वर्मा, विभागाध्यक्ष प्राणि विज्ञान विभाग ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से उक्त विषय पर विश्व एवं भारत में हो रही आत्महत्याओं व उनके लिए जिम्मेदार कारणों से संबंधित डाटा प्रस्तुत किया। फुफुक्टा के प्रदेश उपाध्यक्ष, मुख्य अनुशास्ता तिलकधारी महाविद्यालय एवं सैन्य विज्ञान विभाग के विद्वान प्रोफेसर हिमांशु सिंह ने छात्र जीवन में सफल होने के लिए धैर्य एवं सहनशीलता को अपनाने व व्यवहार में सम्मिलित करने की प्रेरणा प्रदान की। डा. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, मनोविज्ञान विभाग जिनका शोध आत्महत्या व उससे जुड़े विभिन्न विषयों पर आधारित है ने उक्त विषय पर विशेष जानकारी प्रदान की। डा. विजयलक्ष्मी (भूगोल विभाग) ने छात्र-छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में पूर्वांचल शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्रोफेसर राहुल सिंह, महामंत्री डा. शैलेन्द्र कुमार सिंह, एनसीसी नोडल अधिकारी डा. अजय कुमार, राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा. आशा रानी, अन्य कार्यक्रम अधिकारी डा. बालमुकुंद सेठ, डा. विजय लक्ष्मी (भूगोल विभाग), डा. प्रशांत त्रिवेदी, डा. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, डा. विजय लक्ष्मी (कीट विज्ञान विभाग), डा. अनुराग चौधरी उपस्थित रहे। संचालन डा. विजयलक्ष्मी सिंह (कीट विज्ञान विभाग) ने किया। इसके साथ ही महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक, प्राध्यापिकायें, चंद्र प्रकाश गिरि, अन्य कर्मचारी गण एवं एनएसएस व एनसीसी के सभी छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।
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