भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर लगातार बहस जारी है। अब बुमराह को तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का साथ मिल गया है। भुवनेश्वर ने कहा कि ज्यादातर लोग यह नहीं समझते कि एक तेज गेंदबाज को दबाव में खेलने और सभी फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए क्या करना पड़ता है।
भुवनेश्वर का यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब कुछ पूर्व क्रिकेटरों समेत क्रिकेट जगत की कई हस्तियों ने इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सवाल उठाए हैं।
पहले ही हो गया था तय
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी शुरू होने से काफी पहले ही यह तय हो गया था कि जसप्रीत बुमराह पांच में से केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने इस सीरीज के लिए टीम के एलान के साथ ही इसकी घोषणा कर दी थी। इंग्लैंड दौरे पर बुमराह पहला, तीसरा और चौथा टेस्ट खेले।
द ओवल में खेला गया 5वां और निर्णायक टेस्ट वह नहीं खेले, ऐसे में भारतीय तेज गेंदबाज की काफी आलोचना हुई थी। बुमराह ने जो 3 टेस्ट मैच खेले थे, भारत इनमें से कोई मुकाबला नहीं जीता था। इंग्लैंड सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई थी। शुभमन गिल की कप्तानी वाली युवा टीम ने इंग्लैंड में संघर्ष दिखाया था और सीरीज हारने से बचा ली थी।
सभी फॉर्मेट खेलते हैं
क्रिकेट स्टोरीज पॉडकास्ट पर मानवेंद्र से बात करते हुए भुवनेश्वर ने बताया कि बुमराह से यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह बाहर से देखने वालों की मर्जी और पसंद के अनुसार खेलेंगे। भुवनेश्वर ने कहा, "यह देखते हुए कि बुमराह कितने सालों से सभी फॉर्मेट में खेल रहे हैं और प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, किसी के लिए भी ऐसा कर पाना मुश्किल है। बुमराह का गेंदबाजी एक्शन जिस तरह का है उसे देखते हुए उन्हें या किसी को भी चोट लग सकती है। मुझे उनके 5 में से तीन मैच खेलने से कोई समस्या नहीं थी।"
सिलेक्टर्स को पता है
कुमार ने कहा, "अगर सिलेक्टर्स को पता है कि बुमराह क्या कर सकते हैं और वे इससे सहज हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें पता है कि वह उन तीन मैचों में भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। अगर कोई खिलाड़ी 5 मैच नहीं खेल पाता, लेकिन तीन में अहम योगदान दे सकता है, तो यह स्वीकार्य होना चाहिए। लोग हमेशा यह नहीं समझ पाते कि इतने सालों तक सभी फॉर्मेट में खेलते रहना कितना मुश्किल होता है। दबाव भी होता है। अगर आप चाहते हैं कि कोई लंबे समय तक खेले, तो आपको उसे अच्छी तरह से मैनेज करना होगा। इसलिए मुझे कोई समस्या नहीं हुई।"
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए दिलीप वेंगसरकर ने सवाल उठाया कि बीसीसीआई और बुमराह ने इतनी महत्वपूर्ण सीरीज में दो टेस्ट मैचों की बजाय आईपीएल छोड़ने का फैसला क्यों नहीं किया। बुमराह ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में अपने 3 मैचों में 14 विकेट लिए। इस बीच मोहम्मद सिराज ने गेंदबाजी आक्रमण का शानदार नेतृत्व किया और 5 मैचों में 22 विकेट लिए। सिराज ने बिना थके पूरी सीरीज में बिना रुके गेंदबाजी की।