देवल संवादाता,वाराणसी। बीएचयू अस्पताल में ओपीडी, ओटी से लेकर वार्डों में दवा कंपनियों के एमआर बेधड़क प्रवेश कर रहे हैं। डॉक्टरों के कमरे के बाहर हर समय एमआर हाथ में बैग लेकर नजर आएंगे। अस्पताल प्रशासन ने एक आदेश जारी कर इनके प्रवेश पर रोक लगाई है। हालांकि, तीन साल पहले भी ऐसा ही आदेश हुआ था, लेकिन पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में एक बार फिर आदेश का पालन कराना अस्पताल प्रशासन के लिए चुनौती होगी।
बीएचयू अस्पताल और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में चलने वाली ओपीडी में दूरदराज से मरीज केवल इसीलिए जल्दी आते हैं कि वह डॉक्टर को दिखा सकें। यहां आने पर पता चलता है कि डॉक्टरों के कमरे के बाहर दवा कंपनियों के एमआर खड़े रहते हैं। एमआर की भीड़ दिन हृदय रोग विभाग, गैस्ट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, इंडो क्राइनोलॉजी में देखने को मिलती है।
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में तो कुछ विभागों में डॉक्टरों के कमरे के बाहर लंबी-लंबी लाइन दिखती है। आईएमएस बीएचयू में भी जो विभाग बने हैं, वहां डॉक्टर के कमरे के बाहर भी एमआर खड़े होते हैं। इस तरह की स्थिति तब है जब बार-बार आदेश जारी कर इस तरह की गतिविधि पर रोक लगाई जा रही है।
सहायक कुलसचिव और प्रशासनिक अधिकारी विश्वजीत साहा ने 12 अगस्त को जारी आदेश में कहा था कि फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को सर सुंदरलाल अस्पताल परिसर में डॉक्टर से मिलने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद भी वह प्रवेश कर रहे हैं।
डॉक्टरों की ओर से उन्हें समय दिया जा रहा है। यह अस्पताल के नियमों के खिलाफ है। अब फार्मा मीटिंग्स को ओपीडी परिसर, ओटी कॉम्प्लेक्स और वार्ड क्षेत्रों में नहीं किया जा सकेगा। अगर ऐसा होता है तो सभी पक्षों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।