देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। बच्चों की कम उपस्थिति पर विद्यालयों को मर्ज करने के प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सोमवार को युवा मंच के नेताओं ने म्योरपुर ब्लाक के दर्जनों गांवों का दौरा किया। इस दौरान उक्त गांवों के विद्यालय बंद होने से वहां के गरीब तबके के बच्चे खेलते मिले। नेताओं को बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि विद्यालयों को मर्ज करने से दूरी बढ़ गई है। इससे छोटे-छोटे बच्चों को पैदल स्कूल जाने में काफी परेशानी हो रही है. जिससे उनकी शिक्षा को सुचारू रूप से चलाना संभव नहीं होगा। युवा मंच की टीम ने कहा कि हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी यह कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो और हर बच्चे के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी वह सुनिश्चित कराएं। इसलिए सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और विद्यालय बंदी के आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए। युवा मंच की टीम ने कहा कि पहले ही दुद्धी जैसे पठारी पहाड़ी इलाके में बच्च्चों की शिक्षा का स्तर बेहद खराब है। आमतौर पर बच्चे कक्षा 8 के बाद ड्रॉप कर जा रहे हैं और उनकी पढ़ाई आगे नहीं चल पाती है। यही नहीं यहां की नौजवान लड़कियां उच्च शिक्षा ग्रहण करके सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहती है बावजूद इसके सरकार ने अभी तक उनके लिए आवासीय डिग्री कॉलेज बनाने की मांग को भी पूरा नहीं किया है। युवा मंच की टीम ने कहा कि बच्चों की शिक्षा को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और शीघ्र ही जिला प्रशासन से मिला भी जाएगा। युवा मंच की टीम का नेतृत्व जिला संयोजक सविता गोंड और जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड ने किया। उनके साथ ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच के नेता राम विचार गोंड आदि लोग भी शामिल रहे।