भारत ने पांच साल के लंबे इंतजार के बाद चीनी सैलानियों के लिए अपने दरवाजे फिर से खोल दिए हैं। 24 जुलाई से चीनी नागरिकों को भारत के पर्यटक वीजा मिलना शुरू हो जाएंगे। भारत के बीजिंग स्थित दूतावास ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
इस एलान के साथ ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में नई गर्माहट की उम्मीद जगी है। 2020 में कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत ने सभी पर्यटक वीजा रद कर दिए थे। लेकिन अब चीनी नागरिक ऑनलाइन आवेदन करके, अपॉइंटमेंट लेकर और बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू के भारतीय वीजा सेंटर्स में पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जमा करके वीजा हासिल कर सकेंगे।
दूतावास ने साफ किया है कि बीजिंग के भारतीय वीजा केंद्र में जमा किए गए आवेदनों के लिए पासपोर्ट वापसी के वक्त एक पासपोर्ट वापसी पत्र देना होगा। यह कदम प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
बुरी तरह प्रभावित हुए थे भारत-चीन के रिश्ते
कोविड-19 और 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत-चीन के बीच यात्रा और रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए थे। जहां चीन ने धीरे-धीरे भारतीय छात्रों और व्यापारियों के लिए वीजा शुरू किए, वहीं आम यात्रा पर पाबंदी थी। गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते 1962 के युद्ध के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे।