देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। विकास के नाम पर भारी भरकम बजट खर्च किए जाने के बावजूद सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत तरावां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जिला मुख्यालय से महज 12 किमी की दूरी पर स्थित इस ग्राम पंचायत में निवास करने वाले हजारों ग्रामीणों को सड़क, स्वच्छ पेयजल, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। गांव के मुख्य मार्ग पर गड्ढ़ों में गंदा पानी जमा होने से एक तरफ जहां लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं, दूसरी ओर गंदगी से मच्छरों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे गांव में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका प्रवल है। साफ-सफाई के अभाव में गांव की प्रत्येक नालियां जाम पड़ी हैं। चहुंओर कूड़ों का अंबार लगा पड़ा है।
शुक्रवार को गांव के मुख्य मार्ग पर जमे गंदे पानी के बीच धान की रोपाई कर ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों समेत पंचायती विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के सदर ब्लाक अध्यक्ष अमरेश देव पांडेय ने कहा कि ग्राम पंचायत तरावां की मुख्य सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। गड्ढ़ों में तब्दील सड़क पर बारिश का गंदा पानी जमा होने से मार्ग किनारे कच्चा मकान बनाकर निवास करने वाले गरीब तबके के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राहगिरों को भी आवागमन में परेशानी हो रही है। स्कूली बच्चे प्रतिदिन उक्त गंदे पानी से होकर विद्यालय आ-जा रहे हैं। सड़क पर गंदा पानी जमा होने से मच्छरों का भी प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, इससे गांव में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका प्रवल है। कहा कि समय रहते यदि जनहित की इस गंभीर समस्या का निराकरण नहीं कराया गया तो गांव में संक्रामक बीमारियों के फैलने से तमाम ग्रामीण खाट पकड़ सकते हैं। वहीं, अन्य ग्रामीणों ने बताया कि साफ-सफाई के अभाव में गांव में चहुंओर गंदगी का अंबार लगा है। नालियां जाम होकर ओवरफ्लोर कर रही हैं। नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जा रहा है। शिकायत के बावजूद गांव में नियुक्त सफाई कर्मियों से साफ-सफाई नहीं करायी जाती है। आरोप है कि सफाई कर्मी ग्राम प्रधान के संरक्षण में घर बैठे प्रतिमाह वेतन उठा रहे हैं। उधर इस बावत ग्राम प्रधान से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं मिले। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।