देवल संवाददाता,मऊ। विकास भवन में जिला अर्थ एवं संख्या विभाग द्वारा 29 जून 2025 को 19वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया। प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महाल नोबिस के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी सुशील कुमार ने प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महाल नोबिस के जीवनी एवं योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि,प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महाल एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद थे। उन्हें दूसरी पंचवर्षीय योजना के अपने मसौदे के कारण जाना जाता है। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात नवगठित मंत्रिमंडल के सांख्यिकी सलाहकार बने तथा औद्योगिक उत्पादन की तीव्र बढ़ोतरी के जरिए बेरोजगारी समाप्त करने के सरकार के प्रमुख उद्देश्य को पूरा करने के लिए योजना का खाका खींचा। यह दिवस सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में अग्रणी रहे प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महाल नोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल मनाया जाता है। सांख्यिकी दिवस का उद्देश्य राष्ट्रीय विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में खासकर युवा पीढी के बीच सांख्यिकी के महत्व के बारे में जन जागरूकता पैदा करना है।
वर्ष 2007 से प्रत्येक वर्ष सांख्यिकी दिवस राष्ट्रीय प्रासंगिकता की थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 के लिए थीम (विषय) 'राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष है,जो भारत में साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और शासन का समर्थन करने वाले विश्वसनीय एवं समयबद्ध सांख्यिकीय डेटा प्रदान करने में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है। प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महाल नोबिस द्वारा भारतीय सांख्यिकीय संस्थान का स्थापना किया गया तथा वर्ष 1955 से 1967 तक प्लानिंग कमीशन के सदस्य रहते हुए द्वितीय पंचवर्षीय योजना में देश में सामाजिक और आर्थिक प्रगति को विकसित करते हुए मसौदा तैयार किया गया जिससे देश लाभान्वित हुआ।कार्यक्रम के दौरान जिला अर्थ एवं संख्या विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।