देवल संवादाता,वाराणसी।सावन में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में शिव भक्तों के सुगम दर्शन और सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन प्रतिबद्ध है। धाम में चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। सावन के हर सोमवार को मैदागिन से गोदौलिया नो व्हीकल जोन रहेगा। वहीं, सावन भर वृद्ध-दिव्यांगजनों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था रहेगी।
सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। श्री काशी विश्वनाथ न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि बैठक कर निर्णय लिया गया कि सावन के हर सोमवार को गोदौलिया से मैदागिन नो व्हीकल जोन रहेगा।
गोदौलिया से गेट नंबर चार और मैदागिन से गेट नंबर चार तक धाम में दर्शन के लिए आने वाले विशिष्ट, अतिविशिष्ट, वृद्ध, दिव्यांगजन और अशक्त दर्शनार्थियों के लिए ई-रिक्शा का संचालन होगा।
उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा और बेहतर बनाने के लिए जगह-जगह एलईडी टीवी लगाकर गर्भगृह के दर्शन-पूजन का सजीव प्रसारण होगा। धाम में खोया-पाया केंद्र बनेगा। बहुभाषी कर्मियों की भी व्यवस्था होगी। चिकित्सकीय कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। धाम में शीतल और शुद्ध पेयजल के साथ ही वाटर कूलर की भी व्यवस्था रहेगी।
धाम में होगी जिग-जैग बैरिकेडिंग
संपूर्ण धाम क्षेत्र को सीसी कैमरे से लैस करते हुए कंट्रोल रूम स्थापित होगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा समेत सभी व्यवस्थाओं पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। धाम के अंदर जिग-जैग बैरिकेडिंग होगी, ताकि अतिरिक्त भीड़ को काबू में रखा जा सके। बारिश, धूप और गर्मी से बचाव के लिए शेड बनाए जाएंगे। सावन नाै अगस्त तक रहेगा।
पहाड़ पर विराजेंगे भगवान शिव 10 फीट की होगी प्रतिमा
काशी के कण-कण में शंकर हैं। सावन में शहर व गांव के हर शिवालयों में अभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए भीड़ होती है। इस बार सावन में राहगीरों को सड़क किनारे भगवान शिव की प्रतिमा के दर्शन करने को मिलेंगे। दुर्गाकुंड-लंका मार्ग पर भगवान शिव पहाड़ पर बैठे दिखेंगे। उनकी 10 फीट की प्रतिमा लगाई जाएगी।
इसमें हरिद्वार के गंगोत्री में बनी प्रतिमा की झलक दिखेगी। मूर्तिकार अभिजीत विश्वास के नेतृत्व में तीन कलाकार इस प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 फीसदी से अधिक काम हो चुका है। सावन के पहले तैयार हो जाएगी। यह प्रतिमा 10 फीट ऊंची और आठ फीट चौड़ी है।
पहाड़ पर प्रतिमा बैठाई जाएगी। भगवान शिव ध्यान मुद्रा में होंगे। उनके सिर पर मां गंगा विराजमान होंगी और गंगाजल प्रवाहित होते दिखेगा। इस प्रतिमा को दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ के सामने स्थापित किया जाएगा। प्रतिमा को बनारसी शैली में बनाया जाएगा।