आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। नेहरू बालोद्यान के सभी शिक्षकों के लिए ओरियेन्टेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। त्रिदिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि तथा मुख्य वक्ता दोनों के रूप में पधारे प्रो. आरएन त्रिपाठी सदस्य उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कहा कि दुनिया में ज्ञान के समान कुछ भी पवित्र नहीं, ज्ञान से बड़ी कोई सम्पन्नता नहीं, अर्थात अब तक संसार में उत्कृष्ठ जीवन पाने का आधार ज्ञान है। शिक्षक ही ज्ञान का वह पूंज है जो अपने ज्ञान की किरणों से बच्चों को प्रकाशित करते हुए, उत्कृष्ठ और अच्छी शिक्षा देते हुए उनका चरित्र निर्माण और भविष्य निर्माण करता है। आज सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि संचार साधन बहुत बढ़ा, लेकिन संवेदना खतम हो गयी। आज अध्यापक का पहला धर्म है, संवेदना को जगाना एक सच्चा अध्यापक अपने शिष्य के प्रति संवेदना और ममता दोनों का निर्धारण करता है, तभी वह अच्छा शिक्षण कर पाता है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथि का परिचय व स्वागत डा. सीडी सिंह प्रबन्धक नेहरू बालोद्यान ने दिया तथा विषय को प्रस्तावित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करके उसे व्यवहारिक जीवन में उपयोग करना होता है बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास करना शिक्षक का मुख्य दायित्व होता है। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द सिंह ने किया। सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय की संचालिका डा. चन्द्रकला सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य ही है एक अबोध बालक को सुबोध नागरिक बनाना, इसके लिए हम कृतसंकल्प है। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह, नेहरू बालोद्यान सीनियर सेकेण्ड्री की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका सिंह, संचालिका डा. चन्द्रकला सिंह के साथ-साथ तीनों शाखाओं के सभी अध्यापक, अध्यापिका उपस्थित रहे।