कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।तहसील जलालपुर में कानून की दोहरी व्यवस्था उजागर हुई है। एक ओर, एक गरीब व्यक्ति की झोपड़ी को "सरकारी जमीन पर अतिक्रमण" बताकर तहसील प्रशासन ने बिना किसी अदालती आदेश के बुलडोजर चलाकर गिरा दिया। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद प्रशासन ने बलपूर्वक कार्रवाई की।
वहीं दूसरी ओर, ग्राम ब्राह्मण पट्टी रफीगंज स्थित हषर्वेश्वर नाथ संस्कृत महाविद्यालय के प्रबंधक द्वारा ग्राम समाज की खेल के मैदान पर बनाई गई पक्की इमारत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन का जवाब है कि 2022 में बेदखली का मुकदमा दर्ज है, जिसकी सुनवाई 20 जून 2025 को होनी है।
जब मीडिया ने इस भेदभाव को उजागर किया तो पत्रकारों को एफआईआर की धमकियाँ दी गईं — जो प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि कानून सभी पर एक जैसा लागू हो — चाहे वह गरीब हो या अमीर।
देखना है कि 20 जून 2025 को तहसीलदार महोदय ग्राम समाज के खेल का मैदान खाली करने का आदेश देते हैं या तारीख पर तारीख चलती है।