देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। जिले में सोमवार को समारोह पूर्वक भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनायी गई। इस दौरान वक्ताओं ने भगवान बिरसा मंडा के चित्र पर माल्यार्पण करके उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
भाजपा जिला कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार व जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल व जमीन के साथ ही स्वतंत्रता की लडाई में बढचढ कर हिस्सा लिया था। देश में सामाजिक एकता को मजबूत करने का संदेश भगवान बिरसा मुण्डा ने दिया। बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, उसी समय बिरसा मुंडा भारत में गुलामी के खिलाफ लड़ रहे थे। अमर शहीद बिरसा मुंडा को झारखंड ही नही पूरे देश-दुनिया में धरती आबा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने जनजातीय समाज की पहचान बचाने के लिए संघर्ष किया। बिरसा मुंडा ने ईसाई धर्म के खिलाफ बिरसाइत धर्म की शुरुआत की। उन्होंने सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए एक बड़ा इतिहास लिख दिया। उनका प्रभाव इतना ज्यादा था कि सरदार आंदोलन के योद्धा भी उलगुलान से जुड़ गए। उन्होंने जमीन के लिए लड़ाई लड़ी। बिरसा मुंडा की लोकप्रियता से अंग्रेज बहुत परेशान थे। आज हम सभी को भगवान बिरसा मुण्डा से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। ब्रिटिश सरकार ने उन पर 500 रुपए का इनाम घोषित किया था। उन्हें 1895 में पहली बार और 1900 में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया था। 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी मौत हो गई। 9 जून को बिरसा मुंडा का 125 वां शहादत दिवस है। इस मौके पर नागेश्वर गोंड, अमरेश चेरो, शंम्भू सिंह गोंड, शिवरतन गोंड, ज्योति खरवार, बिन्दू अगरिया, रामलाल अगरिया, नार सिंह पटेल, प्रिया सोनकर, कैलास तिवारी, बलराम सोनी, बृजेश श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव, राजन पांडेय, सुदामा गोंड आदि मौजूद रहे।